Мы используем файлы cookie.
Продолжая использовать сайт, вы даете свое согласие на работу с этими файлами.

प्लास्मिड

Подписчиков: 0, рейтинг: 0
एक जीवाणु का चित्रण जिसमें गुणसूत्र और प्लास्मिड दर्शाए गए हैं

प्लास्मिड किसी कोशिका में एक छोटा डी॰ऍन॰ए॰ अणु होता है जो गुणसूत्रों के डी॰ऍन॰ए॰ से अलग हो और स्वतंत्रता से अपने प्रतिरूप (अपने-आप की दोहरी प्रति) बना सके। यह अधिकतर बैक्टीरिया में छोटे गोलाकार दो-रज्जुओं वाले डी॰ऍन॰ए॰ अणुओं के रूप में मिलते हैं, हालांकि इन्हें कभी-कभी आर्किया और युकेरियोट जीवों में भी पाया जाता है। जहाँ गुणसूत्रों का डी॰ऍन॰ए॰ जीव को साधारण परिस्थितियों में जीने के लिए आनुवांशिक सूचना देता है, वहाँ प्लास्मिड डी॰ऍन॰ए॰ असाधारण परिस्थितियों में जीव को लाभ पहुँचा सकता है। उदाहरण के लिए कई बैक्टीरिया प्रतिजैविक प्रतिरोध उत्पन्न करने के लिए प्लास्मिडों का प्रयोग करते हैं।

प्लास्मिड को रेप्लीकोन की श्रेणी में डाला जा सकता है, जो डी॰ऍन॰ए॰ या आर॰ऍन॰ए॰ के ऐसे अणु या अणुओं के अंश होते हैं जो अपने-आप की नकल कर के और प्रतियाँ बना सकें। प्लास्मिड की तरह, विषाणु भी रेप्लीकोन की श्रेणी में आते हैं। हालांकि इन दोनों में प्रजनन से मिलती-जुलती क्षमता होती है, अधिकांश जीववैज्ञानिक इन्हें जीव की श्रेणी में नहीं डालते।

इन्हें भी देखें


Новое сообщение