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थीटाहीलिंग

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थीटाहीलिंग वर्ष 1994 में वियाना स्टाइबल द्वारा सृजित एक स्व-सहायता साधन है जिसे लोगों की उन अवचेतन आस्थाओं को सीमित करने में सहायता करने हेतु अभिकल्पित किया गया है जो उन्हें स्वास्थ्य, धन या प्रेम में उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने में बाधक होती हैं।

विनियोग

थीटाहीलिंग का विनियोग व्यक्तिगत सत्र के रूप में किया जाता है जिसे 'आस्था कार्य' कहा जाता है और जिसमें ग्राहक  और थीटा पेशेवर  एक-दूसरे के समक्ष सीधे बैठते हैं अथवा फ़ोन पर बात करते हैं। इसे दैनिक आत्म-ध्यान और आत्मनिरीक्षण के साधन के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है।विचार यह है कि प्रतिभागी उन तथाकथित 'आस्थाओं' को खोज सकता है और परिवर्तित कर सकता है, जो कि मूल, आनुवंशिक, इतिहास एवं अन्तरात्मा पर अवचेतन रूप में हो सकती हैं।


इसका लक्ष्य सामान्य स्वास्थ्य एवं कल्याण में सुधार लाना है, जैसा कि विआना कहती हैं, ‘आस्था कार्य हमें नकारात्मक विचार प्रतिरूपों को दूर करने और उन्हें सकारात्मक एवं लाभकारी विचार प्रतिरूपों से प्रतिस्थापित करने की क्षमता प्रदान करता है।

सिद्धांत

वियाना स्टाइबल के अनुसार, थीटाहीलिंग का सिद्धांत ‘अस्तित्व के सात तलों’ के आसपास केन्द्रित है, जो 'सातवें तल के सभी तत्वों का सृष्टिकर्ता’ के महत्व को दर्शाने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है, जिसे 'पूर्ण प्रेम और बुद्धिमत्ता का स्थान' भी कहा जाता है। अस्तित्वके सात तल भौतिक और आध्यात्मिक विश्व की व्याख्या करते हैं क्योंकि वे परमाणुओं और अणुओं की गति से संबंधित हैं, सातवां तल वह जीवन-शक्ति है जो सब कुछ सृजित करती है।

इसके अतिरिक्त, इसकी अवधारणाएं अधिकांश धार्मिक अवधारणाओं के साथ एकीकृत हो सकती हैं।

समालोचना

थीटाहीलिंग के सिद्धांत की समालोचना उसके गूढ़ एवं विश्वास-आधारित प्रकृति के कारण की गई है।


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