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होम्योपैथी
अनेक विसंगतियों और वैज्ञानिक प्रमाणिक्ता के बावजूद भारत सहित अनेक विकासशील देशों मे होमियोपैथी सस्ते और सुलभ चिकित्सा का महत्वपूर्ण अंग बना हुआ है , विभिन्न बीमारियों में होमियोपैथी से छोटे बच्चों में होने वाले फायदे , जैसे कि बच्चों की यादाश्त बनाएं रखने के लिऐ होम्योपैथिक दवा, होम्योपैथी एक मिथक व्यवस्था है " , पर प्रश्नचिन्ह लगाते है , भारत में तो त्वचा रोग,बच्चों के रोग , मानसिक स्वास्थ्य और अन्य रोगों में होमियोपैथिक दवाओं के फायदों को देखते हुए अनेक नए मेडिकल कॉलेज खोले जाने को सरकार लगता प्रोत्साहित कर रही है ताकि इस विधा के अधिक चिकित्सक तैयार किए जा सकें ,यहां होम्योपैथी चिकित्सा सरकार की स्वस्थ सेवा का महत्वपूर्ण भाग है , केंद्र सरकार का आयुष मंत्रालय होम्योपैथिक चिकित्सा , होमियोपैथिक चिकित्सा शिक्षा और होम्योपैथिक अनुसंधान पर नियंत्रायक के तौर पर काम करना है , भारत में होमियोपैथिक विधा में स्नातक के साथ परास्नातक , पीएचडी और फैलोशिप पाठ्यक्रम तक की शिक्षा उपलब्ध है ,और ये समस्त पाठ्यक्रम सरकार द्वारा आयोजित चयन प्रक्रिया के माध्यम से ही होते है
वैकल्पिक चिकित्सा | |
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होम्योपैथी | |
सैमुएल हैनीमेन, होम्योपैथी के जनक
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Pronunciation | |
Claims | "Like cures like", dilution increases potency, disease caused by miasms. |
Related fields | वैकल्पिक चिकित्सा |
Year proposed | 1796 |
Original proponents | सैमुएल हैनीमेन |
Subsequent proponents | James Tyler Kent, Royal S. Copeland, George Vithoulkas |
MeSH | D006705 |
See also | Humorism, heroic medicine |
होम्योपैथी एक चिकित्सा पद्धति है। होम्योपैथिक तैयारी किसी भी स्थिति या बीमारी के इलाज के लिए प्रभावी नहीं हैं; बड़े पैमाने पर किए गए अध्ययनों में होमियोपैथी को प्लेसीबो से अधिक प्रभावी नहीं पाया गया है। होम्योपैथी चिकित्सा छद्म-विज्ञान के जन्मदाता सैमुएल हैनीमेन है। यह चिकित्सा कथित रूप से 'समरूपता के सिंद्धात' पर आधारित है जिसके अनुसार औषधियाँ उन रोगों से मिलते जुलते रोग दूर कर सकती हैं, जिन्हें वे उत्पन्न कर सकती हैं।[कृपया उद्धरण जोड़ें] एच
होम्योपैथिक दवा का असर तुरंत नही होता हैं इसका असर धीरे धीरे होता हैं और यह उस बीमारी जड़ से खत्म करती हैं होम्योपैथी कम से 19वीं शताब्दी के मध्य से प्राप्त भौतिक , रसायन विज्ञान, जैव रसायन और जीव विज्ञान के बारे में सभी प्रासंगिक वैज्ञानिक ज्ञान होम्योपैथी के विपरीत हैं। होम्योपैथिक उपचार जैव रासायनिक रूप से निष्क्रिय होते हैं, और किसी भी ज्ञात बीमारी पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। हैनिमैन का रोग का सिद्धांत, उन सिद्धांतों के इर्द-गिर्द केंद्रित है, जिन्हें उन्होंने मिआस्म्स कहा था, रोग के कारणों के रूप में वायरस और बैक्टीरिया की बाद की पहचान के साथ असंगत है। नैदानिक परीक्षण आयोजित किए गए हैं और आम तौर पर होम्योपैथिक तैयारी से कोई उद्देश्य प्रभाव नहीं दिखाया गया है। होम्योपैथी की मौलिक असंभवता के साथ-साथ प्रदर्शनकारी प्रभावशीलता की कमी ने इसे वैज्ञानिक और चिकित्सा समुदायों के भीतर नकली और धोखाधड़ी के रूप में वर्णित किया है।
२१वीं सदी में मेटा-विश्लेषणों की एक श्रृंखला ने दिखाया है कि होम्योपैथी के चिकित्सीय दावों में वैज्ञानिक औचित्य का अभाव है। नतीजतन, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निकायों ने स्वास्थ्य देखभाल में होम्योपैथी के लिए सरकारी धन को वापस लेने की सिफारिश की है। ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम, स्विटज़रलैंड और फ़्रांस के राष्ट्रीय निकायों के साथ-साथ यूरोपीय अकादमियों की विज्ञान सलाहकार परिषद और रूसी विज्ञान अकादमी ने सभी ने निष्कर्ष निकाला है कि होम्योपैथी अप्रभावी है, और किसी भी अधिक धन प्राप्त करने के अभ्यास के खिलाफ सिफारिश की गई है। इंग्लैंड में राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा अब होम्योपैथिक उपचारों के लिए धन उपलब्ध नहीं कराती है और स्वास्थ्य विभाग से होम्योपैथिक उपचारों को निषिद्ध दवाओं की सूची में जोड़ने के लिए कहा है। फ्रांस ने २०२१ में फंडिंग हटा दी, जबकि स्पेन ने भी स्वास्थ्य केंद्रों से होम्योपैथी और अन्य छद्म चिकित्सा पर प्रतिबंध लगाने के कदमों की घोषणा की। दुनिया के अनेक राष्ट्रों के नजरिए से भिन्न 70 % जर्मन अभी भी इस वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति पर भरोसा करते है और होम्योपैथी को अपने राष्ट्रवाद से जोड़ कर देखते है , नाजी के दौर में प्रचलित और दूसरे विश्व युद्ध के बाद विश्व के अनेकों देशों में विस्तारित मीठी गोलियों की इस चिकित्सा पद्धति ने जर्मन और भारत ही नही अनेक देशों में कोरोना काल 2020 में अपना भरोसा बनाए रखा ।
इन्हें भी देखें
संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- Homeopathy (NHS Choices, UK)