स्तन एट्रोफी
शरीर के हिस्सों का आंशिक या पूर्ण रूप से नष्ट होना एट्रोफी कहलाता हैं। यह समस्या मानव जीवन में उत्परिवर्तन (जो अंग को बनाने के लिए जीन को नष्ट कर सकता है), खराब पोषण, खराब परिसंचरण, हार्मोनल समर्थन में कमी, लक्षित अंग को तंत्रिका आपूर्ति का नुकसान, कोशिकाओं के एपोप्टोसिस की अत्यधिक मात्रा, और कम व्यायाम या ऊतक रोग के कारण पाई जाती है। आम भाषा में मांसपेशियों की ट्राफिक स्थिति में कमी एट्रोफी कहलाती है। यह शरीर के किसी भी कोशिका, अंग या ऊतक में हो सकती है। शरीर के जिस अंग में यह समस्या उत्पन्न्होती है, वः अंग, ऊतक या कोशिका का संकोचन हो जाता हैं। स्तन एट्रोफी ऊतक के संकोचन के कारण उत्पन्न हुआ रोग हैं, जो महिलओं और पुरुषों को प्रभावित करता है। यह रोग यह ज्यादातर महिलाओं में देखा जा सकता है।
स्तन एट्रोफी महिलाओं में पाई जाने वाला वः स्तन रोग है जिसमे स्तनों का संकोचन हो जाता हैं। यह आमतौर पर रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं में होता है जब एस्ट्रोजेन के स्तर में कमी आ जाती है। यह समस्या हाइपोएस्ट्रोजेनिस्म या हाइपरएंडरोजेनिस्म के कारण भी पाई जाती हैं, जिसका प्रमुख कारण वजन को बढ़ाना होता हैं। स्तन में ऊतक का नुकसान एनोरेक्सिया नर्वोसा और सर्जिकल नसबंदी से भी होता है, जिसके कारण स्तनों का संकोचन हो जाता हैं।
इलाज
स्तन एट्रोफी का इलाज महिलओं में मैक्रोमास्टिया से और पुरुषो में ग्न्नोमास्टिया से किया जाता है। पुरुषों के लिए ट्रांस हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) लाभदायक होती हैं। स्तन एट्रोफी को खाद्य आहार में अधिक एस्ट्रोजेन, एंटीड्रोजनोजेन और उचित पोषण जोड़कर भी ठीक किया जा सकता है।