सायनाइड
| सायनाइड ऋणायन | |
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| प्रणालीगत नाम | सायनाइड (Cyanide) |
| पहचान आइडेन्टिफायर्स | |
| सी.ए.एस संख्या | [57-12-5] |
| पबकैम | 5975 |
| रासा.ई.बी.आई | 17514 |
| SMILES |
[C-]#N |
| InChI |
1S/CN/c1-2/q-1 |
| कैमस्पाइडर आई.डी | 5755 |
| गुण | |
| रासायनिक सूत्र | CN |
| मोलर द्रव्यमान | 26.02 g mol−1 |
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जहां दिया है वहां के अलावा, ये आंकड़े पदार्थ की मानक स्थिति (२५ °से, १०० कि.पा के अनुसार हैं। ज्ञानसन्दूक के संदर्भ | |
जिस किसी रासायनिक यौगिक में एकसंयोजी CN समूह होता है उसे सायनाइड (cyanide) कहते हैं। इस समूह का नाम सायनो समूह (cyano group) है। इसमें एक कार्बन परमाणु एक नाइट्रोजन परमाणु से त्रि-बन्ध से जुड़ा है।उदाहरण : सोडियम सायनाइड, पोटैशियम सायनाइड, मेथिल सायनाइड, आदि।
सोडियम सायनाइड, पोटैशियम सायनाइड आदि अकार्बनिक सायनाइड अत्यन्त विषाक्त (toxic) होते हैं। कार्बनिक सायनाइडों को प्रायः नाइट्राइल (nitriles) कहते हैं। संभवत यह दुनिया का सबसे घातक और जानलेवा जहर है जिसका आज तक कोई स्वाद भी नही बता पाया है . कहते है एक बार मौत की सजा पाने वाले व्यक्ति को यह सायनाइड चकाया गया जिससे की वो इसका स्वाद बता सके , पर उसने सिर्फ S अक्षर की लिखा था कि उसकी क्षण भर में मृत्यु हो गयी . वहा लोग यह देखकर दंग रह गये कि सायनाइड की कितनी जल्दी मृत्यु का कारण बन जाता है . अब मरते हुए व्यक्ति के द्वारा लिखे गये S से कई अर्थ बन रहे थे जैसे कि Sweet (स्वीट ) , Sour (सौर ) या Salty (साल्टी ) आदि .
सायनाइड इन्सान के शरीर में सबसे पहले ह्रदय और मस्तिष्क पर अपना प्रभाव छोड़ता है जिससे वो काम करना बंद कर देते है .