Продолжая использовать сайт, вы даете свое согласие на работу с этими файлами.
वृषण
वृषण टेस्टिस, टेस्टिकल | |
---|---|
पुरुष (मानव) वृषण | |
लैटिन | टेस्टिस |
ग्रे की शरीरिकी | subject #258 1236 |
धमनी | टेस्टिकुलर शिरा |
शिरा | टेस्टिकुलर धमनी, पैम्पिनीफॉर्म प्लेक्सस |
तंत्रिका | स्पर्मैटिक प्लेक्सस |
लसिका | लिंबर लिम्फ़ नोड्स |
डोर्लैंड्स/एल्सीवियर | Testicle |
वृषण (testicle या testis) सभी पशुओं तथा मानव में पाया जाने वाला नर जनन ग्रन्थि है। जिस प्रकार मादा (नारियों) में डिंबग्रंथि या अण्डाशय (ovary) होती है, उसी प्रकार नरों में वृषण होता है। वृषण के दो कार्य हैं- शुक्राणुओं का निर्माण, तथा पुंजन (ऐन्ड्रोजेन) का निर्माण (मुख्यतः टेस्टोस्टेरॉन नामक पुंजन का निर्माण)।
मानव में दो वृषण होते हैं जो शिश्न के आधार के दाएँ एवं बाएँ तरफ एक दूसरे से सटे हुए होते हैं। वृषण के नीचे एक थैली होती है जिसे अंडकोष कहा जाता है। इस थैली की त्वचा ढीली होती है जो गर्मियों में अधिक बढ़कर लटक जाती है तथा सर्दियों में सिकुड़कर छोटी होती है। इसके अन्दर वृषण होते है।
अंडकोश की लंबाई 5 से॰मी॰ और चौड़ाई 2.5 से॰मी॰ होती है। इसमें रक्त का संचार बहुत अधिक होता है। दोनों तरफ के वृषण एक नलिका के द्वारा जुड़े होते हैं जिसको शुक्रवाहिका (वास डिफेरेन्स) कहते है। दूसरी तरफ ये अन्य ग्रंथि से जुड़े रहते हैं जिनको सेमिनाल वेसाईकल कहते है।
- 28 01 03.JPG
वृषण की आन्तरिक संरचना
खरगोश के वृषण और अधिवृषण
इन्हें भी देखें
- शुक्राशय (seminal vesicle)
- शुक्रवाहिका (वास डिफेरेन्स)
- डिंबग्रंथि (ovary)
- पुंजन (androgen)
- जलवृषण (हाइड्रोसील)
बाहरी कड़ियाँ
- पुरुष के यौन और प्रजनन अंग Archived 2021-02-27 at the Wayback Machine