सबसे नीचे वाली तरंग ऊपर वाली दो तरंगों के अध्यारोपण (सुपरपोजिशन) से बनी है।
जब 'लगभग' बराबर आवृत्ति वाली दो ध्वनि तरंगे एक साथ उत्पन्न की जाती हैं, तो माध्यम में उनके अध्यारोपण से प्राप्त ध्वनि की तीव्रता बारी-बारी से घटती और बढती रहती है। ध्वनि की तीव्रता में होने वाले इस चढाव व उतराव को 'विस्पन्द' (beat) कहते हैं।
गणित
माना समान आयाम परन्तु अलग-अलग आवृत्ति (ω1 तथा ω2) वाली दो तरंगे निम्नलिखित हैं-


इनको अध्यारोपित करने प्राप्त ध्वनि तरंग :

या
![{\displaystyle \psi \,=\;A\left[\sin(\omega _{1}t)\,+\,\sin(\omega _{2}t)\right]\;=\;2\,A\;\cos \!\left({\frac {\omega _{1}t\!-\!\omega _{2}t}{2}}\right)\,\sin \!\left({\frac {\omega _{1}t\!+\!\omega _{2}t}{2}}\right)}](https://wikimedia.org/api/rest_v1/media/math/render/svg/547e016404d39ec17b990a32132be6dfc29c2d7a)
या:

जहाँ:


उपरोक्त परिणाम को निम्नलिखित तरीके से भी लिख सकते हैं:

जहाँ:

ध्यान दें कि फलन B (t) का मान क्रम से धनात्मक ऋणात्मक होगा। इस फलन का आंकिक मान | B (t) | इस तरंग का 'इनवेलप' कहलाता है। यह इनवेलप
आवृत्ति से बदलेगा। इसका भौतिक प्रभाव यह होगा कि ये तरंगे अपनी अन्य विशेषताओं को बनाए रख रहीं हैं किन्तु साथ ही परिणामी तरंग का आयाम बहुत धीमी गति से बदल रहा है।
विस्पन्द : समान आयाम किन्तु थोड़ी अलग आवृत्ति वाली दो तरंगों (लाल तथा हरी) के अध्यारोपण का परिणाम (नीली तरंग)