बकायन
| बकायन Melia azedarach | |
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| Leaves, flowers, and fruit | |
| वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
| जगत: | Plantae |
| अश्रेणीत: | Angiosperms |
| अश्रेणीत: | Eudicots |
| अश्रेणीत: | Rosids |
| गण: | Sapindales |
| कुल: | Meliaceae |
| वंश: | Melia |
| जाति: | M. azedarach |
| द्विपद नाम | |
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Melia azedarach L. | |
| पर्यायवाची | |
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बकायन (वानस्पतिक नाम : Melia azedarach)नीम की जाति का एक पेड़ है। भारत में प्रायः सभी प्रान्तों में पाया जाता है। नीम से छोटा एवं अचिरस्थाई होता है। इसके पत्ते कड़वे नीम के समान तथा आकार में कुछ बड़े होते हैं। बकाइन की लकड़ी इमारती कामों के लिए बहुत उपयोगी होता है। यह छायादार पेड़ होता है। इसके फल भी कड़वे नीम के फल के समान होते हैं।
इसको महानिम्ब भी कहते हैं। यह एक औषधीय पेड़ है। आयुर्वेद में बकायन का बहुत महत्त्व है। बकायन से विभिन्न रोगों का उपचार किया जाता है । जोड़ो के दर्द निवारक के रूप में,बवासीर, नेत्ररोग, मुह के छाले, पेट मे दर्द, आँतो के कीड़े, प्रमेह, श्वेतप्रदर, खुजली, पेट के कीड़े आदि, अर्श में तो बकायन का बहुत महत्व है ।
पत्तियाँ
इसकी पत्तियाँ नीम की पत्तियों के समान तथा कुछ बड़ी और दुर्गन्धयुक्त होती है।
फूल
गुच्छों में नीम के फूल के आकार वाले कुछ नीलापन लिए लालीयुक्त होते हैं।
फल
झुमकों में नीम के फल के आकार वाले गोल होते हैं।
विभिन्न भाषाओं में इसके नाम
- हिन्दी - महानीम, बकायन, बकैन, धरेक, डकानो
- संस्कृत - मलाका, महानिम्ब, रम्यक, गिरिनिम्ब, कार्मुक, द्रेका
- मराठी - बकाण निंब, कवड़या निंब, बिलायती नीम
- गुजराती - बकायनलिंबड़ो
- बंगला - घोड़ानिम्ब, महानिम्बानव
- अंग्रेजी - पर्शियन लिलक,इंडियन लिलक