प्रज्ञा, ज्ञान, बुद्धि एवं समझ का सर्वोच्च एवं सबसे शुद्ध रूप है। यह तर्क एवं अनुमान से प्राप्त होने वाले ज्ञान से उच्चतर अवस्था है।