धुआँसा
धुआँसा या स्मॉग (अंग्रेज़ी: Smog), वायु प्रदूषण की एक अवस्था है। बीसवीं सदी के प्रारंभ में एक मिश्र शब्द स्मॉग (स्मोक+फॉग=स्मॉग) द्वारा धुएँ और कुहासे की मिश्रित अवस्था को इंगित किया गया। धूल, धुएँ और कुहासे का यह मिश्रण हिंदी में धुआँसा कहलाता है। गाड़ियों और औद्योगिक कारखानों द्वारा उत्सर्जित धुएँ में उपस्थित राख, गंधक व अन्य हानिकारक रसायन जब कुहरे के संपर्क में आते हैं तो धुआँसे का निर्माण होता है। यह धुआँसा इस रूप में वायु प्रदूषण जनित अनेकों जानलेवा बीमारियों का कारण बन जाता है।
अनुक्रम
इतिहास
स्मॉग शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग करने का श्रेय 1905 के दौरान डॉ॰ हेनरी अंतोइन दे वू (Henry Antoine Des Voeux) को दिया जाता है। लोक स्वास्थ्य काँग्रेस की बैठक में धुआँ और कुहासा (Fog and Smoke) नामक पत्र पढ़ते हुए डॉ॰ वू ने उक्त पद का प्रयोग किया था। लंदन के अखबार डेली ग्राफिक ने 26 जुलाई 1905 के संस्करण में लिखा कि डॉ॰ वू ने धुएँ और कुहरे की मिश्रित अवस्था को 'स्मॉग' नाम दिया है। हिंदी में स्मॉग का स्थानापन्न धुआँसा शब्द का लिखित रूप में सर्वप्रथम प्रयोग करने का श्रेय कथाकार संजीव को दिया जा सकता है।