Продолжая использовать сайт, вы даете свое согласие на работу с этими файлами.
टेलीथेरापी
इस तकनीक में दूर से विकिरण द्वारा इलाज किया जाता है।शुरुजात में रेडियम सिजियम आदि रेडियो सक्रिय तत्वों के द्वारा इलाज होता था।किन्तु वातावरण की हानि तथा इस पद्धति से ईलाज में सक्रीय चिकित्साविदों (रेडिएशन थेरापिस्ट) के स्वास्थ पर प्रतिकूल प्रभाव जान कर इन तत्वों का प्रयोग धीरे धीरे बहुत हद तक कम कर दिया गया है।रेडियम का बाइ प्रोडक्ट रेडॉन गैस बनता है जो कर्क रोग अर्थात् कैंसर कारक है।वर्तमान् में टेलीकोबाल्ट तथा लिनैक (लिनियर एक्सेलेरेटर) के द्वारा इलाज किया जाता है।विकिरण के प्रकार को ध्यान मे रखकर टेलीथेरापी के निम्न प्रकार हैं _ १ फोटोन थेरापी २ इलेक्ट्रॉन थेरापी ३ प्रोटॉन थेरापी ४ कार्बन आयन थेरापी ५ न्यूट्रॉन थेरापी ६ ड्यूट्रॉन थेरापी ७ हैवी आयन थेरापी।किन्तु पूरे विश्व मे अभी फोटोन, प्रोटॉन तथा इलेक्ट्रॉन थेरापी ही सर्वाधिक प्रयुक्त हैं।