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जूं

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नर एवं मादा जूँ - माचिस की तिल्ली के नोक से तुलना

जूं (Head Louse) एक परजीवी है जो मनुष्य के शरीर में पैदा हो जाते हैं। यह सामान्यत: बालों में पाये जाते हैं।

भारतीय स्त्रियों में बाल रखने की प्रथा है। हर सौभाग्यवती नारी बाल रखना पसंद करती है। मनुष्य शरीर में जो परजीवी पैदा हो जाते हैं, उनमें जूं मुख्य हैं। जूं को दूसरे नामों से भी बुलाते है। चिलुआ इनका दूसरा नाम है - दोनो में जो पहिचान होती है, उसमे चिलुआ सफ़ेद रंग का होता है और जूं काले रंग का होता है। जूं सिर के बालों में पनपता है और चिलुआ शरीर मे पहने गये कपडों में पसीने वाले स्थानों में पैदा हो जाते हैं। दोनो का काम ही शरीर का खून पीना होता है।

जूं से होने वाले रोग

बालों में जूँ किसी की खोपडी से चढ जाते हैं और रातों रात अपने असंख्य अंडों, जिन्हे लीख भी कहते है, को पैदा करने के बाद तीसरे दिन ही वे लीख फ़ूट कर जूं के बच्चे जिन्हें सिरुइया कहते हैं, पैदा हो जाते हैं। फ़िर यह अपने द्वारा सिर में बहुत ही बुरी तरह से खून को पीते हैं और जब यह खून पीते है, तो सिर को बुरी तरह से खुजलाना पडता है। इस खुजलाने के अन्दर सिर में नाखून का जहर फ़ैलने से घाव तक बन जाते हैं, अधिक जूं होने के बाद वे बहुत ही तरीक्से से साफ़ किये जाते हैं। आजकल औरतें जूं को साफ़ करने के लिये कई तरह के रसायनिक प्रयोग करती हैं, उनका भी प्रभाव सिर और आंखों के प्रति बुरा पडता है।

जूं को निकालने के देशी उपाय

महीन दांतों वाली ककई या जिसे कंघी भी कहते हैं, बाजार से लाकर सिर से नहाकर बालों को उससे साफ़ करना चाहिये और बालों को साफ़ करते वक्त जमीन पर बैठ कर किसी रद्दी पेपर को बिछा लेना चाहिये।

  • कम से कम केमिकल का प्रयोग करना चाहिये।
  • रोजाना अपने शरीर को साफ़ रखना चाहिये,
  • किसी दूसरे के पास बैठने पर दूरी बनाकर रखनी चाहिये और जो औरत अपने शरीर को बार खुजला रही हो, उससे तो बहुत ही दूर रहना चाहिये।
  • जमजुई शरीर में जननांगों में होती हैं और अधिकतर उनके होती हैं, जिनके जननांगों के बाल बहुत बढ जाते हैं और जो संभोग के बाद अपने जननांगों को सही तरीके से साफ़ नहीं करते हैं। इन परजीवी कीडों के द्वारा एड्स भी होता है।
  • संसार के डाक्टरों की नजर अभी इन परजीवी कीडों पर नहीं है, मगर जहां पानी और सफ़ाई के साधनों में कमी है, वहां पर स्वास्थ्य कार्य कर्ताओं को विशेष ख्याल रखना चाहिये।

इन्हें भी देखें

में अजीत सिंह तोमर.. वैसे तो हम सब बालो में पड़ने वाले जुओ को जानते है, पर जब ये हमारे शरीर में होते है तो ये जम जुआं कहलाते है, और इनका काम भी वही है जो जुओ का है, खून चूसना और खुजली..

में इस दर्द से गुजरा हू... जब पहली बार इनको देखा तो में काफी परेशान हुआ ये पैर में हो गए थे और गुप्तांगो में. जबकि में रोज नहाता था साफ कपड़े पहनता था फिर भी.

ज्यादा जानकारी ना होने के कारण मैंने डॉक्टर से दवा भी ली उससे भी आराम नहीं मिला..

कहा जाता है, की जब ये शरीर में आते है तो या तो भला करके जाते है या बर्बाद... और ये अपने आप चले जाते है...

एक उपाय में बता रहा हू.. जो मुझे मेरे पापा ने बताया...


रोज सुबह खाली पेट लहसुन की 2-3 पीस खा ले.. जिससे शरीर में खून गरम होगा और जमजुआ ये बर्दास्त नहीं कर पाते और मर जाएंगे और खत्म हो जाएंगे..

धन्यवाद. उम्मीद है इससे किसी का भला हो.


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