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चाय
चाय एक लोकप्रिय पेय है। यह चाय के पौधों की पत्तियों से बनता है। चाय मुख्यतः तीन प्रकार की होती है (1) काली चाय (2) हरी चाय (3) गट्टी चाय भारत में चाय के प्रमुख उत्पादन क्षेत्र निम्न है:- क उत्तर पूर्वी भारत :- असम मेघालय अरुणाचल प्रदेश पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा ख. दक्षिण का नीलगिरी क्षेत्र ख. उत्तर पश्चिम का पहाड़ी भाग
अनुक्रम
इतिहास
सबसे पहले सन् १८१५ में कुछ अंग्रेज़ यात्रियों का ध्यान असम में उगने वाली चाय की झाड़ियों पर गया जिससे स्थानीय क़बाइली लोग एक पेय बनाकर पीते थे। भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड बैंटिक ने १८३४में चाय की परंपरा भारत में शुरू करने और उसका उत्पादन करने की संभावना तलाश करने के लिए एक समिति का गठन किया। इसके बाद १८३५ में असम में चाय के बाग़ लगाए गए।
कहते हैं कि एक दिन चीन के सम्राट शैन नुंग के रखे हुए गर्म पानी के प्याले में, हवा के ज़रिये उड़कर कुछ सूखी पत्तियाँ आकर उसमे गिर गयी, जिनसे पानी में रंग आया और जब उन्होंने उसकी चुस्की ली तो उन्हें उसका स्वाद बहुत पसंद आया। बस यहीं से शुरू होता है चाय का सफ़र। ये बात ईसा से २७३७ साल पहले की है। सन् ३५० में चाय पीने की परंपरा का पहला उल्लेख मिलता है। सन् १६१० में डच व्यापारी चीन से चाय यूरोप ले गए और धीरे-धीरे ये समूची दुनिया का प्रिय पेय पदार्थ बन गया।
एक और कथा के अनुसार छठवीं शताब्दी में चीन के हुनान प्रांत में भारतीय बौद्ध भिक्षु बोधिधर्म बिना सोए ध्यान साधना करते थे। वे जागे रहने के लिए एक ख़ास पौधे की पत्तियां चबाते थे और बाद में यही पौधा चाय के पौधे के रूप में पहचाना गया।
भारत में प्रचलन
यह बहुविदित है, भारत में सर्वप्रथम चाय का बहुतायत प्रचलन ब्रिटिश शासनकाल में इन्हीं ब्रिटिशों द्वारा ही हुआ था।
चाय उत्पादित करने वाले देश
चाय का उत्पादन विश्व में सबसे ज्यादा भारत में किया जाता था लेकिन अब चीन का स्थान इसमें प्रथम है तथा सबसे ज्यादा निर्यातक देश श्रीलंका है। यहाँ तक की श्रीलंका की राष्ट्रीय आय भी चाय के निर्यात से चलती है ।
चाय से जुड़े आँकड़े
उत्पादन
वर्ष २००३ तक पूरे विश्व में चाय का उत्पादन ३.१५ मिलियन टन वार्षिक था। प्रमुख उत्पादक देशों में भारत, तथा उसके बाद चीन का स्थान था (अब चीन ने भारत से इस क्षेत्र में बाजी मार ली है), अन्य प्रमुख उत्पादक देशों में श्रीलंका एवं कीनिया इसके बाद महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं। चीन ही अभी एकमात्र ऐसा देश है जो लगभग हर तरह की चाय का बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन करता है।
उत्पादन - टन में. २००४-२००५ कें आंकड़े | |||||
चीन | 855 192,00 | 25 % | 940 500,00 | 27 % | |
भारत | 850 500,00 | 25 % | 830 700,00 | 24 % | |
श्रीलंका | 308 090,00 | 9 % | 308 090,00 | 9 % | |
कीनीया | 295 000,00 | 9 % | 295 000,00 | 9 % | |
तुर्की | 201 663,00 | 6 % | 202 000,00 | 6 % | |
इंडोनेशिया | 164 817,00 | 5 % | 171 410,00 | 5 % | |
वियतनाम | 108 422,00 | 3 % | 110 000,00 | 3 % | |
जापान | 101 000,00 | 3 % | 100 000,00 | 3 % | |
अर्जेन्टाईना | 64 000,00 | 2 % | 64 000,00 | 2 % | |
बांग्लादेश | 58 000,00 | 2 % | 58 000,00 | 2 % | |
ईरान | 52 000,00 | 2 % | 52 000,00 | 2 % | |
मलावी | 50 090,00 | 1 % | 50 000,00 | 1 % | |
यूगांडा | 36 000,00 | 1 % | 36 000,00 | 1 % | |
अन्य देश | 208 948,70 | 6 % | 215 939,70 | 6 % | |
कुल | 3 353 722,70 | 100 % | 3 433 639,70 | 100 % |
जैविक चाय का उत्पादन
जब से जैविक खेती का प्रचलन बढा है जैविक चाय के उत्पादन में भी काफी बढोत्तरी देखी गयी है। २००३ में ३,५०० टन जैविक चाय की खेती की गयी थी। जैविक चाय के उत्पादन का ज्यादातर हिस्से की खरीदारी (लगभग ७५%) फ्रांस, जर्मनी, जापान, अमरीका एवं ब्रिटेन द्वारा की जाती है।
चा या चाय कुछ अन्य भाषाओं में
भाषा | नाम | भाषा | नाम | भाषा | नाम | भाषा | नाम | भाषा | नाम | ||
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
अल्बानियन | çajचाज | अम्हेरिक | pronounced shy शाए | अरबी | شاي shaiशाए | असमिया | চাহ साह | असिरियाई | pronounced chai चाए | अजेरी | çayचाय |
बांग्ला | চা "चा" | बोस्नियाई | čajचाज | बुल्गारियन | чай चाय | पंपागन | cha | क्यूबानो | tsa | ||
क्रोयेशियाई | čaj | चेक | čaj (4) | अंग्रेजी | char, slang | जार्जियन | ჩაი, chai | यूनानी | τσάι tsái | ||
गुजराती | ચા cha | हिन्दी | चाय chai | जावाई | tèh | जापानी | 茶, ちゃ, cha | कन्नड़ | Chaha | ||
कजाक | шай shai | कोंकणी | cha | कोरियन | 茶,차 cha | मकदूनियन | чај, čaj | मलयालम | "chaya" | ||
मराठी | चहा chahaa | मैथिली | चाह chah | मंगोलियाई | цай, tsai | नेपाली | चिया | उड़िया | cha | फारसी | چای chaay |
पंजाबी | ਚਾਹ | पुर्तगाली | chá | रोमानी | ceai | रूसी | чай, chai | सर्बियाई | чај, čaj | ||
स्लोवाक | čaj | स्लोवानी | čaj | सोमाली | shaax | स्वाहिली | chai | तगालोग | tsaa | ||
थाई | ชา, cha | तिब्बती | ཇ་ja | तिंगित | cháayu | तुर्की | çay | यूक्रेनी | чай chai | ||
उर्दू | چاى | उजबेक | choy | वियतनामी | *trà and chè (5) |
बाहरी कड़ियाँ
- चाय के बारे में (भारतीय चाय बोर्ड)
- चाय के बारे में रोचक तथ्य
सामान्य
- ब्रिटेन की चाय परिषद
- चाय के बारे में बहुत से सवालों का जवाब जो आप जानना चाहते हों
- टी-टाक एक मज़ेदार जालस्थल
- अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस - १५ दिसम्बर का जालस्थल
- अब तक खोजे गये चायों की विभिन्न प्रजातियों के बारे में जानकारी से भरा जालस्थल
इंटरनेट पर उपलब्ध पुस्तक
- टी लीव्स, फ्रांसिस लेगेत एवं कंपनी, १९००, [[गुटेनबर्ग प्रोजेक्ट] से]
- द बुक ऑफ टी - काकुजो ओकाकूरा कृत गुटेनबर्ग प्रोजेक्ट से एवं पीडीएफ प्रारूप में (२.८ एमबी) टाइपसेट [[TeX]में]
- द लिटल टी बुक, आर्थर ग्रे, १९०३, से गुटेनबर्ग प्रोजेक्ट
चाय:-इतिहास, संस्कृति एवं स्थानीय विशेषतायें
- तुर्की चाय
- औद्योगिक क्रांति एवं चाय पीने का प्रचलन
- रूसी चाय - विधी रूसी तरीके से चाय बनाना सिखाने वाला जालस्थल - खासकर रूसी चाय के एक खास प्रकार - सोमवार- के बारे में)
-
चाय, इन आवर टाईम (बीबीसी रेडियो 4), २९ अप्रैल २००४.
- मेल्विन ब्रैग के द्वारा ४५ मिनट का एक कार्यक्रम जिसमें तीन शिक्षाविद चाय का ब्रिटेन के राष्ट्रीय पेय होने के बारे में परिचर्चा कर रहे हैं। कार्यक्रम रियल प्लेयर प्रारूप में सुनने के लिए उपलब्ध है।