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चांदी का वरक़
वरक़ | |
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वरक़ से सजी मिठाइयां | |
उद्भव | |
संबंधित देश | भारत, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश |
देश का क्षेत्र | दक्षिण एशिया |
व्यंजन का ब्यौरा | |
मुख्य सामग्री | मांस अथवा रेठ |
अन्य जानकारी | भोजन को सजाने के लिए |
चांदी का वरक़ या सिर्फ वरक़, (अन्य नामः वरक या वरख या वर्क), चांदी अथवा शयोजकमांसर्क से बना एक पतरा (पर्ण) है और भारत और पड़ोसी देशों जैसे कि पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश आदि में इसका उपयोग मिठाईयों और व्यंजनों को सजाने के लिए किया जाता है। चांदी को खाया जा सकता है हालांकि, यह पूर्णतया स्वादविहीन होती है। चांदी तत्व का एक बड़ी मात्रा में सेवन अर्जीरिया का कारण बन सकता है, लेकिन वर्क में इसकी बहुत ही कम मात्रा होने के कारण इसे शरीर के लिए हानिकारक नहीं माना जाता।
वरक़ बनाने के लिए चांदी को पीट पीट कर एक चादर में ढाला जाता है और इसकी मोटाई मात्र कुछ माइक्रोमीटर ही रह जाती है। इसे सहेजने के लिए इसे कागज की परतों के बीच रखा जाता है और इसे उपयोग से पहले इन कागजों मे से निकाला जाता है। यह बहुत ही नाज़ुक होता है और छूने पर छोटे छोटे टुकड़ों में टूट जाता है।
शाकाहारी लोगों का दावा है कि, क्योंकि वरक़ बनाने के लिए चांदी को पशुओं की अति लचीली आंतों के बीच रख कर पीटा जाता है और इन आंतों का कुछ हिस्सा इस वर्क का भी हिस्सा बन जाता है इसलिए, वरक़ एक तरह से एक मांसाहारी उत्पाद है।