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चगास रोग
चगास रोग वर्गीकरण एवं बाह्य साधन | |
Photomicrograph of Giemsa-stained Trypanosomacruzi | |
आईसीडी-१० | B57. |
आईसीडी-९ | 086 |
डिज़ीज़-डीबी | 13415 |
मेडलाइन प्लस | 001372 |
ईमेडिसिन | med/327 |
एम.ईएसएच | D014355 |
चगास रोग /ˈtʃɑːɡəs/, or अमेरिकी ट्रिपैनोसोमियासिस , प्रोटोजोआ ट्रोपेनाज़ूमीक्रूज़ी से होने वाली एक उष्णकटिबंधीय परजीवी रोग है। अधिकांशतः यह किसिंग बगद्वारा फैलता है। इसके लक्षण संक्रमण के दौरान बदलते हैं। शुरुआती चरण में लक्षण या तो होते नहीं हैं या हल्के होते हैं, इनमें: बुखार, सूजी लसीका ग्रंथि, सिरदर्द या काटने की जगह पर सूजन शामिल हैं। 8–12 हफ्तों के बाद, पीड़ित लोग रोग की गंभीर अवस्था में दाखिल होते हैं और 60–70% लोगों में यह अन्य लक्षण नहीं करता है। अन्य 30 से 40% लोगों में शुरुआती संक्रमण के 10 से 30 वर्षों के बाद और लक्षण पैदा होते हैं। इसमें 20 से 30% में हृदय के निलय के बड़े हो जाने से हृदय की विफलताशामिल है। 10% लोगों में बढ़ी हुई ग्रासनली या बड़ी आंत का बड़ा होना भी हो सकता है।
कारण व निदान
टी. क्रूज़ी आमतौर पर मानवों व दूसरे स्तनपाइयों में रक्त-चूसने वाले ट्राइटोमनी उप-परिवार के "किसिंग बग" द्वारा फैलता है। इन कीटों को अनेक स्थानीय नामों से जाना जाता है जिनमें: अर्जेंटीना, बोलीविया, चिली तथा परागुए में विन्चूका,ब्राज़ील में बार्बिएरो (बारबर), कोलंबिया में पिटो, मध्य अमरीका में चिंचे तथा वेनेजुएला में चिपो शामिल हैं। यह रोग रक्त आधानव अंग प्रत्यारोपण, परजीवियों से संक्रमित खाद्य को खाने से और माँ से उसके भ्रूण में से भी फैल सकता है। माइक्रोस्कोप द्वारा रक्त में परजीवी की खोज करके रोग का शुरुआती निदान किया जा सकता है। गंभीर रोग का निदान, रक्त में टी. क्रूज़ी के एंटीबॉडी खोज कर किया जाता है।
रोकथाम व उपचार
अधिकांशतः रोकथाम में किसिंग बग को समाप्त करना तथा उनके काटने से बचना शामिल है। रोकथाम के अन्य प्रयासों में आधान के लिए उपयोग किए जाने वाले रक्त की जांच शामिल है। 2013 तक इसके लिए कोई वैक्सीन विकसित नहीं की गयी है। आरंभिक संक्रमण का उपचार बेंज़नाइडाज़ोल या निफर्टिमॉक्सजैसी दवाओं से किया जाता है। यदि आरंभिक अवस्था में दी जाएं तो ये लगभग हर मामले में उपचार कर देती हैं लेकिन चगास रोग से काफी समय से पीड़ति व्यक्ति में कम प्रभावी होती हैं। जब इनको गंभीर रोग में उपयोग किया जाता है तो ये अंतिम चरण के लक्षणों के विकास को विलंबित या रोक सकती हैं। बेंज़नाइडाज़ोल तथा निफर्टिमॉक्स में 40% तक लोगों में अस्थायी पश्च प्रभाव हो सकते हैं जिनमें त्वचा संबंधी विकार, मस्तिष्क विषाक्तता तथा पाचन प्रणाली में परेशानियां शामिल हैं।
महामारी-विज्ञान
ऐसा आंकलन है कि अधिकांशतः मैक्सिको, मध्य अमरीका तथा दक्षिण अमरीका के लगभग 70 से 80 लाख लोग चगास रोग से पीड़ित हैं। 2006 में एक वर्ष में इसके कारण लगभग 12,500 लोगों की मृत्यु हुई। इससे पीड़ित अधिकांश लोग गरीब होते हैं और रोग से पीड़ित अधिकांश लोग यह समझ ही नहीं पाते हैं कि वे इस संक्रमण से पीड़ित हैं। बड़े-स्तर पर जनसंख्या की आवाजाही के कारण चगास रोग से संक्रमित क्षेत्रों में विस्तार हुआ है और इस कारण इसे प्रभावित देशों में यूरोपीय देश तथा संयुक्त राज्य अमरीका भी शामिल हो सकते हैं। इन क्षेत्रों में 2014 तक काफी विस्तार देखा गया है। इस रोग का वर्णन सबसे पहले 1909 में कार्लोस चगास द्वारा किया गया था, जिनके नाम पर इस रोग का नाम पड़ा। यह 150 से अधिक अन्य पशुओं को भी प्रभावित करता है।