काला बाज़ार
काला बाज़ार (black market), भूमिगत अर्थव्यवस्था (underground economy) या छुपी अर्थव्यवस्था (shadow economy) ऐसा छुपा हुआ बाज़ार होता है जिसमें कोई ग्रैर-कानूनी गतिविधियाँ चल रही होती हैं या किसी अन्य रूप में स्थापित नियमों का उल्लंघन करा जा रहा होता है। ऐसे बाज़ार में अक्सर विधि द्वारा वर्जित माल या सेवाएँ (जैसे कि वर्जित नशे के पदार्थ या वैश्या सेवाएँ) बेचे जा रहे होते हैं, किसी अनिवार्य कर को देने से बचा जा रहा होता है (जैसे कि तस्करी द्वारा लाया गया विदेशी माल जिसपर आयात कर नहीं दिया गया है) या किसी ऐसे व्यक्ति को चीज़े बेची जा रही होती हैं जो कानूनन वर्जित है (जैसे कि किशोरों को सिगरेट)। कभी-कभी आर्थिक संतुलन को हस्तक्षेप से बिगाड़ने वाली, नीयत से सही लेकिन आर्थिक रूप से गलत, सरकारी नीतियों के अनपेक्षित परिणाम में भी कालाबाज़ारी को बढ़ावा मिल सकता है।
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- भारतीय अर्थव्यवस्था पर “काले धन” का प्रभाव Archived 2021-09-23 at the Wayback Machine (मीना कौंडल , 14 जनवरी, 2017)
- कालाधन स्वदेश लाने का वादा निभाएं प्रधानमंत्री
- स्वतंत्र भारत में काला धन
- काला धन किसका, नाम बताओ सरकार
- छाया अर्थतंत्र और कर अपवंचन पर प्रकाशन और अनुसंधान।
- यूरोप में वित्तीय आपराधिक गतिविधियाँ और काले धन को वैध बनाने की गतिविधियों के नियंत्रण और दमन पर मार्च २००० का फ़्रांसीसी संसदीय प्रतिवेदन (फ़्रांसीसी सांसद विंसेंट पीलियन और आर्नौद मोंटेबौर्ग द्वारा निर्मित)