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कनेर (पीली)
कनेर Thevetia peruviana | |
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Yellow Oleander flowers and leaves | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | Plantae |
अश्रेणीत: | Angiosperms |
अश्रेणीत: | Eudicots |
अश्रेणीत: | Asterids |
गण: | Gentianales |
कुल: | Apocynaceae |
वंश: | Thevetia |
जाति: | T. peruviana |
द्विपद नाम | |
Thevetia peruviana (Pers.) K. Schum. |
पीले फूल वाली कनेर (Be still Tree or yellow Oleander) छोटी उंचाई वाला वृक्ष है। इसमें पीले फूल लगते हैं। इसकी पत्तियाँ लम्बी-पतली होतीं हैं।
कनेर पीली का दूध शरीर की जलन को नष्ट करने वाला और विषैला होता है। इसकी छाल कड़वी भेदन व बुखार नाशक होती है। छाल की क्रिया बहुत ही तेज होती है, इसलिए इसे कम मात्रा में सेवन करते है। नहीं तो पानी जैसे पतले दस्त होने लगते हैं। कनेर का मुख्य विषैला परिणाम हृदय की मांसपेशियों पर होता है। इसे अधिकतर औषधि के लिये उपयोग में लाया जाता है।
कनेर के पत्तो को गाय, भेड़, बकरिया नहीं खाती, इसलिए इसको ट्री गार्ड लगाने की आवश्यकता नहीं। कनेर को पशु नहीं कहते , इसलिए इसे खुले में लगाने में कोई दिक्कत नही। इसका उपयोग हेच बनाने की लिए बहुत किया जाता है।
विषाक्त
कनेर का बीज विषाक्त होता है। एक बीज का सेवन भी जान लेने के लिये काफी है। कनेर का जहर डाइगाक्सीन ड्रग की तरह है। डाइगाक्सीन दिल की धड़कन की रफ्तार कम करता है।[कृपया उद्धरण जोड़ें]
चित्रदीर्घा
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- कनेर पीली
- जयपुर में जहर की फसल (दैनिक तेज)
- USDA plants database online website on 21/10/07