Мы используем файлы cookie.
Продолжая использовать сайт, вы даете свое согласие на работу с этими файлами.
अंकुश कृमि

अंकुश कृमि

Подписчиков: 0, рейтинг: 0

अंकुश कृमि या हुकवर्म (Hookworm) बेलनाकार छोटे-छोटे भूरे रंग के कृमि होते हैं। ये अधिकतर मनुष्य के क्षुद्र अंत्र (स्माल इंस्टेस्टाइन) के पहले भाग में रहते हैं। इनके मुँह के पास एक कॅटिया सा अवयव होता है; इसी कारण ये अंकुश कृमि कहलाते हैं।

परिचय

अंकुश कृमि का जीवन-चक्र

इनकी दो जातियाँ होती हैं, नेकटर अमेरिकानस और एन्क्लोस्टोम डुओडिनेल। दोनों ही प्रकार के कृमि सब जगह पाए जाते हैं। नाप में मादा कृमि 10 से लेकर 13 मिलीमीटर तक लंबी और लगभग 0.6 मिलीमीटर व्यास की होती है। नर थोड़ा छोटा और पतला होता है। मनुष्य के अंत्र में पड़ी मादा कृमि अंडे देती हैं जो बिष्ठा के साथ बाहर निकलते हैं। भूमि पर बिष्ठा में पड़े हुए अंडे ढोलों (लार्बी) में परिणत हो जाते हैं, जो केंचुल बदलकर छोटे-छोटे कीड़े बन जाते हैं। किसी व्यक्ति का पैर पड़ते ही ये कीड़े उसके पैर की अंगुलियों के बीच की नरम त्वचा को या बाल के सूक्ष्म द्विद्र को छेदकर शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। वहाँ रुधिर या लसीका की धारा में पड़कर वे हृदय, फेफड़े और वायु प्रणाली में पहुँचते हैं और फिर ग्रास नलिका तथा आमाशय में होकर अँतरियों में पहुँच जाते हैं। गंदा जल पीने अथवा संक्रमित भोजन करने से भी ये कृमि अंत्र में पहुँच जाते हैं। वहाँ पर तीन या चार सप्ताह के पश्चात् मादा अंडे देने लगती है। ये कृमि अपने अंकुश से अंत्र की भित्ति पर अटके रहते हैं और रक्त चूसकर अपना भोजन प्राप्त करती हैं। ये कई महीने तक जीवित रह सकते हैं। परंतु साधारणत: एक व्यक्ति में बार-बार नए कृमियों का प्रवेश होता रहता है और इस प्रकार कृमियों का जीवन चक्र और व्यक्ति का रोग दोनों ही चलते रहते हैं।

लक्षण

इस रोग का विशेष लक्षण रक्ताल्पता (ऐनीमिया) होता है। रक्त के नाश से रोगी पीला दिखाई पड़ता है। रक्ताल्पता के कारण रोगी दुर्बल हो जाता है। मुँह पर कुछ सूजन भी आ जाती है। थोड़े परिश्रम से ही वह थक जाता और हाँफने लगता है। यदि कृमियों की संख्या कम होती है तो लक्षण भी हलके होते हैं। रोग बढ़ जाने पर हाथ-पैर में भी सूजन आ जाती है। यह सब रक्ताल्पता का परिणाम होता है। रोग का निदान ऊपर लिखित लक्षणों से होता है। रोगी के मल की जाँच करने पर मल में कृमि के अंडे मिलते हैं जिससे निदान का निश्चय हो जाता है।

बाहरी कड़ियाँ


Новое сообщение