Мы используем файлы cookie.
Продолжая использовать сайт, вы даете свое согласие на работу с этими файлами.
Продолжая использовать сайт, вы даете свое согласие на работу с этими файлами.
हृदयपेशी रोग
हृदयपेशी रोग
Подписчиков: 0, рейтинг: 0
हृदयपेशी रोग | |
---|---|
खुला हुआ बायाँ निलय की मोटाई, फैलाव, एवं अवअंतःहृद् तंतुमयता (सबएंडोकार्डियल फाइब्रोसिस) जो हृदय के आंतरिक भाग की श्वेतता के रूप में प्रकट होती है | |
विशेषज्ञता क्षेत्र | हृदयरोगविज्ञान |
लक्षण | सांस लेने में कठिनाई, थकावट, पैरों की सूजन |
कारण | अज्ञात, अनुवांशिक, मद्यसार, भारी धातु, एमिलोईड़ोसिस, तनाव |
चिकित्सा | प्रकार और लक्षण पर निर्भर |
आवृत्ति | हृदयपेशी का सूजन से प्रभावित 25,00,000 रोगी (2015) |
मृत्यु संख्या | 3,54,000 (हृदयपेशी का सूजन से) (2015) |
हृदयपेशी रोग या हृद् पेशी रोगी उन दीर्घकालिक रोगों का समूह है जो हृदय की मांसपेशियों को प्रभावित करते हैं। इस रोग की आरम्भिक अवस्था में इसके लक्षण बहुत ही कम दिखयी देते हैं या बिल्कुल ही नहीं होते। रोग के बढ़ने पर, हृदय विफलन के कारण सांस लेने में कष्ट, थकान, पैरों में सूजन, दिल की अनियमित धड़कन, और बेहोशी हो सकती है। इस रोग से प्रभावित होने पर पूर्णहृदरोध के सम्भावना बढ़ जाती है।