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सुइना
सुइना Suina | |
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कुछ सुइना जातियाँ | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | जंतु |
संघ: | रज्जुकी (Chordata) |
वर्ग: | स्तनधारी (Mammalia) |
गण: | आर्टियोडैकटिला (Artiodactyla) |
उपगण: |
सुइना (Suina) ग्रे, 1868 |
कुल और वंश | |
कई |
सुइना (Suina), जिसे सुइफोर्मीस (Suiformes) भी कहा जाता है, सर्वाहारी सम-ऊँगली खुरदार स्तनधारियों का एक जीववैज्ञानिक उपगण है, जिसमें सूअर और पेक्करी शामिल हैं। सुइना का आकार बौना सूअर में 55 सेमी (22 इंच) लम्बाई से लेकर विशाल वन सूअर में 210 सेमी (83 इंच) तक होता है।
वर्गीकरण
सूअर पूर्वी और पश्चिमी गोलार्ध के शीतोष्ण और उष्ण देशों के निवासी हैं जो दो उपकुलों सुइनाए उपकुल (sub family suinae) और पिकैरिनी उपकुल (sub family peccarinae) में विभक्त हैं।
सुइनाए उपकुल
इस उपकुल में यूरोप, एशिया और अफ्रीका के जंगली, सूअर आते हैं जिनमें यूरोप का प्रसिद्ध जंगली सूअर 'सुस स्क्रोफा' (sus scrofa) विशेष रूप से उल्लेखनीय है क्योंकि इसी से हमारी अधिकांश पालतू जातियाँ निकली हैं। यह पहले इंग्लैंड में काफी संख्या में पाए जाते थे लेकिन अब इन्हें यूरोप के जंगलों में ही देखा जा सकता है। इनका रंग धुमैला-भूरा या कलछौंह सिलेटी होता है। सिर लंबोतरा, गरदन छोटी और शरीर गठीला होता है। ये करीब 4½ श्फुट लंबे और तीन फुट ऊँचे जानवर है जो अपने साहस और बहादुरी के लिए प्रसिद्ध हैं। नर के नोकीले और तेज कुकुरदंत ऊपरी होंठ के ऊपर बढ़े रहते हैं जिनसे ये आत्मरक्षा के समय बहुत भयंकर हमला करते हैं।
इन्हीं का निकट संबंधी दूसरा जंगली सूअर 'सुस क्रिस्टेटस' (sus cristatus) है जो भारते के जंगलों में पाया जाता है। यह इतना बहादुर होता है कि कभी-कभी युद्ध होने पर शेर तक का पेट फाड़ डालता है। यह भी कलछौंह सिलेटी रंग का जीव है जो 4½ फुट लंबा और 3 फुट ऊँचा होता है। ये दोनों सीधे-सादे जीव हैं जो छेड़े जाने पर या घायल होने पर ही आक्रमण करते हैं। नर प्राय: अकेले रहते हैं और मादाएँ और बच्चे झुंड बनाकर इधर-उधर फिरा करते हैं। इन्हें कीचड़ में लोटना बहुत पसंद है और इनका गिरोह दिन में अक्सर गन्ने आदि के घने खेतों में आराम करता रहता है। मादा साल में दो बार 4-6 बच्चे जनती हैं जिनके भूरे शरीर पर गाढ़ी धारियाँ पड़ी रहती हैं। इन दोनों प्रसिद्ध सूअरों के अलावा इनकी ओर भी कई जंगली जातियाँ एशिया, जापान और सिलीवीज (Celebese) में पाई जाती हैं जिनमें सुमात्रा और बोर्नियो का वियर्डेंड बाइल्ड बोअर, Bearded wild boar (sus barbatus) किसी से कम उल्लेखनीय नहीं है। इसका सिर बड़ा और कान छोटे होते हैं। दूसका सब से छोटा जंगली सूअर, Pigmy wild Hog (Parculasalvania) जो नेपाल के जंगलों में पाया जाता है, केवल एक फुट ऊँचा होता है।
अफ्रीका के जंगलों के तीन जंगली सूअर बहुत प्रसिद्ध हैं। इनमें पहला बुश पिग, Bush Pig (Polamochoerus porcus) कहलाता है। यह दो फुट ऊँचा कलछौंह रंग का सूअर है जिसकी कई उप जातियाँ पाई जाती हैं। दूसरा जंगली सूअर फारेस्ट हाग, Forest Hog (Hylochoerus meinertzhageni) कहलाता है। यह बुश पिग से ज्यादा काला और पौने तीन फुट ऊँचा सूअर है जो मध्य अफ्रीका के जंगलों में अकेले या जोड़े में ही रहना पसंद करता है। अफ्रीका का तीसरा जंगली सूअर वार्ट हाग, Wart Hog (Phacochoerus Aethiopicus) कहलाता है जो सबसे भद्दा और बदसूरत सूअर है। इसका थूथन काफी चौड़ा और दाँत काफी लंबे होते हैं। यह दो ढाई फुट ऊँचा सूअर है जिसका रंग कलछौंह होता है।
पिकेरिनी उपकुल
इस उपकुल में अमरीका के जंगली सूअर जो पिकैरी कहलाते हैं, रखे गए हैं। ये छोटे कद के सूअर हैं जो लगभग डेढ़ फीट ऊँचे होते हैं और जिनके ऊपर के कुकुरदंत अन्य सूअरों की भाँति ऊपर की ओर न उठे रहकर नीचे की ओर झुके रहते हैं। इनकी पीठ पर एक गंधग्रंथि रहती है जिससे ये एक प्रकार की गंध फैलाते चलते हैं। इनमें कालर्ड पिकैरी, Collared peccary (Pecari Tajacu) सबसे प्रसिद्ध है जो कलछौंह सिलेटी रंग का जीव है और जिसके कंध पर सफेद धारियाँ पड़ी रहती हैं। सूअर जंगली जातियों से कब पालतू किए गए यह अभी तक एक रहस्य ही बना हुआ है लेकिन चीन के लोगों का विश्वास है कि ईसा से 2900 वर्ष पूर्व चीन में पहले पहल सुअर पालतू बनाए गए। उनसे पहले तो मेहतरों का काम लिया जाता था लेकिन जब यह पता चला कि इनका मांस बहुत स्वादिष्ट होता है तो ये माँस के लिए पाले जाने लगे। ऐसा अनुमान किया जाता है कि सूअरों की पालतू जातियाँ यूरोप के जंगली सूअर सस्क्रोप (Suss scrofa) और भारत के जंगली सूअर सस क्रिस्टेटस (sus cristatus) से एशिया में निकाली गई। उसके बाद चीन के सूअर और यूरोप के सूअर से वे जातियाँ निकलीं जो इस समय सारे यूरोप और अमरीका में फैली हुई हैं।
सूअर काफी बच्चे जनने वाले जीव हैं। जंगली सूअरियाँ एक बार में जहाँ 4-6 बच्चे देती हैं वहीं पालतू सूअरों की मादा 4 से 10 तक बच्चे जनती हैं। ये बेलनाकार शरीर वाले भारी जीव हैं जिनकी खाल मोटी और दुम छोटी होती है। प्रौढ़ होने पर इनके दाँतों की संख्या 44 तक पहुँच जाती है। ये बहुत हठी और बेवकूफ जानवर हैं, जिनमें जंगलों में रहने वाले तो फुर्तीले जरूर होते हैं, लेकिन पालतू अपने चरबीले शरीर के कारण काहिल और सुस्त होते हैं। संसार में सबसे अधिक सूअर चीन में हैं; उसके बाद अमरीका का नंबर आता है। इन दोनों देशों के सूअरों की संख्या संसार भर के सूअरों के आधे के लगभग पहुँच जाती है।