Мы используем файлы cookie.
Продолжая использовать сайт, вы даете свое согласие на работу с этими файлами.

सिस्टिक फाइब्रोसिस

Подписчиков: 0, рейтинг: 0


सिस्टिक फाइब्रोसिस के लक्षण और उसके सिम्पटम्स। सिस्टिक फाय्ब्रोसिस (Cystic fibrosis) एक अनुवांशिक रोग है जो शरीर के कई भागों को प्रभावित करता है, जिनमें जिगर, अग्न्याशय (पेंक्रिआज), मूत्राशय के अंग, जननांग और पसीने की ग्रंथियां शामिल हैं।

इन अंगों में पाए जाने वाली कुछ विशिष्ट कोशिकाएं प्रायः लार और जलीय स्राव उत्पन्न करते हैं, परन्तु सिस्टिक फाय्ब्रोसिस में ये कोशिकाएं सामान्य से अधिक गाढ़ा स्राव उत्पन्न करतीं हैं। इससे शरीर का जलीय संतुलन बिगड़ता है और लवण-प्रबन्धन की क्षमता प्रभावित होती है जिससे कई अन्य प्रकार की समस्याएं पैदा होती हैं। उदाहरण के लिए, फेफड़ों में ये गाढ़े स्राव कीटाणुओं को समाहित कर लेते हैं, जिससे बार-बार फेफड़ों के संक्रमण होते हैं। पेंक्रिआज में ये गाढ़े स्राव पेनक्रिएटिक जूस के सामान्य प्रवाह को अवरुद्ध कर देते हैं, जिससे शरीर के लिए वसा और वसा में घुलनशील विटामिनों को पचाना और अवशोषित करना अधिक जटिल हो जाता है। इससे मुख्य रूप से शिशुओं में पोषण सम्बन्धी समस्याएं हो सकती हैं। सिस्टिक फाय्ब्रोसिस से सम्बंधित अन्य समस्याओं में शामिल है साइन्एसाईटस, नेज़ल पोलिप्स, इसाफ्गाईटस, पैनक्रिएटाइटस, लीवर सिरोह्सिस, रेक्टल प्रोलैप्स, डायबिटीज और इनफर्टिलिटी, जो कि मुख्यतया पुरुषों में पाई जाती है।

सिस्टिक फाय्ब्रोसिस को विकसित होने के लिए व्यक्ति में दो अनुवांशिक सिस्टिक फाय्ब्रोसिस ज़ीन आने चाहियें, जिसमें प्रत्येक मूल जनक से एक आना चाहिए। वे व्यक्ति जिनमें वंशानुक्रम से केवल एक सिस्टिक फाय्ब्रोसिस ज़ीन आता है उन्हें "सिस्टिक फाय्ब्रोसिस कैरियर्स" कहा जाता है। वे बच्चों में सिस्टिक फाय्ब्रोसिस ज़ीन स्थानांतरित तो कर सकते हैं पर वे स्वयं इस रोग से प्रभावित नहीं होते।

बाहरी कड़ियाँ


Новое сообщение