Продолжая использовать сайт, вы даете свое согласие на работу с этими файлами.
रासायनिक चोटें
रासायनिक चोंटे या जला तब होता है जब जीवित ऊतक किसी रसायन के उजागर में या फिर किसी संक्षारक पदार्थ के उजागर में आता है। रासायनिक चोंटे से ऊतक को बहुत ही व्यापक नुकसान होता है। मुख्य प्रकार के उत्तेजक जिनसे रासायनिक चोंटे या जलन होती है उनमें :एसिड, बेस, ओक्सीडाईज़र्स आदि आते हैं। इनके अलावा रासायनिक चोंटे कुछ अन्य रासायनिक हथियारों से भी होती है जैसे की: वेसिकैन्ट्स जिनमें मस्टर्ड गैस और युटरीकैन्ट्स (फोसजीन ओक्सइम) आते हैं। रासायनिक चोंटे या जले को ऊष्मा की जरूरत नहीं पड़ती, यह चोंटे बिना ऊष्मा के ही उत्पन्न होती है सिट=रफ रसायन के उजागर से। रासायनिक चोंटे एक दम से प्रत्यक्ष भी नहीं होती, उह सिर्फ किसी भी रसायन के ऊतक को छूने से ही हो जाती है। यह चोंटे भुत ही दर्द्नायक होती है और इनसे ऊतक के निचे की त्वचा तक जल जाती है। रासायनिक चोंटे से त्वचा पर जलन होती है, त्वचा हल्की गहरे रंग की हो जाती है। रासायनिक चोंटो से साँसे लेने में भी दिक्कत होती है और कभी कभी ऊतक के साथ-साथ त्वचा तक जल जाती है। रासायनिक चोंटो या जलने के मुख्य स्त्रोत: सुल्फ्युरीक एसिड, हाइड्रोक्लोरिक एसिड, सिल्वर नाइट्रेट आदि है। जब भी त्वचा इन रसायनों के उजागर में आती है तब या तो त्वचा की परत जल जाती है, या फिर त्वचा गहरे रंग की हो जाती है।