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बोस्टन में बम से भय २००७
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बोस्टन में बम से भय २००७

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बोस्टन में बम से भय २००७

एलईडी से बने विज्ञापन जिसमें एक कार्टून किरदार है। जिसे 31 जनवरी 2007 को बोस्टन पुलिस विभाग द्वारा बम या निशानी सोच कर निकाल दिया गया।
तिथि 31 जनवरी 2007
हमले का प्रकार भय

बोस्टन में बम से भय २००७ 31 जनवरी 2007 को बोस्टन पुलिस विभाग और बोस्टन अग्निशमन विभाग द्वारा बैटरी से चलने वाले एलईडी विज्ञापन को विस्फोटक सामान या बम सोच कर हटा दिया गया। लेकिन बाद में पता चला कि यह एक कार्यक्रम के विज्ञापन हेतु लगाया गया था। इसे कई समय तक कोई भी विभाग का कर्मचारी समझ नहीं सका था।

विचार

नवम्बर 2006 में न्यू यॉर्क की एक कंपनी जो प्रचार परियोजना से जुड़ी है। वह एलईडी के द्वारा प्रचार हेतु विचार करती है। वे लोग 20 अलग अलग चिन्ह के साथ पूरी रात कार्य करते हैं और उसके बाद उन्हें इसके लिए $300 (₹15000) रुपये मिलते हैं। इसके बाद वह लोग इसके लिए स्थान आदि का चयन करते हैं और 29 जनवरी 2007 की रात को उसका छवि उस कंपनी को देते हैं।

भय

31 जनवरी 2007 को सुबह 8:05 बजे एक यात्री उस उपकरण को देख कर डर जाता है। वह पुलिस को फोन करता है। सुबह 9 बजे बोस्टन पुलिस विभाग को इसके बारे में फोन आता है। इसके साथ ही लाइव टीवी संवाददाता, बहुत संख्या में देखने वाले लोग और हेलीकोप्टर द्वारा निगरानी भी रखी जा रही थी। इसके बाद पीटर जो उस उपकरण को लगाया था। वो भी वहाँ पहुंचता है। लेकिन वह पुलिस को इस बारे में कुछ भी कहने की कोशिश भी नहीं करता है। वह जब अपने निवास स्थल में पहुँचता है तो वह उस कंपनी से बात करता है। उसके बाद कंपनी कहती है कि वह इस बारे में पुलिस को सूचित कर देगी। लेकिन वह व्यक्तिगत रूप से कुछ भी न कहे।

जब पुलिस उस उपकरण को देखती है कि यह किसी स्रोत से ऊर्जा ले कर जल रहा है और रोशनी, तार आदि भी दिख रहा है, तो उनको लगता है कि यह कोई बम है। वह उस जगह को खाली करवा देती है। 10 बजे के थोड़ी ही देर बाद बम रोधक दस्ता आ जाता है और पानी के द्वारा उस उपकरण को खराब कर देता है। इसके बाद पुलिस कहती है कि यह आम नागरिक द्वारा सुरक्षा करना का सबसे अच्छा उदाहरण है। उसके बाद 10 बजकर 5 मिनट से 21 मिनट तक उसकी जाँच होती है। उसके बाद पुलिस कहती है कि किसी ने मज़ाक किया है।

दोपहर 12:54 को पुलिस को एक फोन आता है जिसमें उसी तरह के अन्य उपकरण के बारे में पता चलता है। बाद में वह चिन्ह एक कार्टून के कार्यक्रम का पता चलता है। 4:30 बजे पुलिस इस बात को बताती है कि इसमें कोई खतरा नहीं है। यह केवल प्रचार हेतु बनाया गया है। जो 10 शहरों में रखा गया था।

बाहरी कड़ियाँ


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