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फालुन गोंग

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फालुन गोंग

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फालुन दाफा का प्रतीक चिन्ह
शाब्दिक अर्थ: धर्म चक्र या सिद्धांत चक्र का अभ्यास

फालुन गोंग या फालुन दाफा एक उच्च स्तर का साधना अभ्यास है जो ब्रह्मांड की प्रकृति — सत्य, करुणा और सहनशीलता पर आधारित है

साधना का अर्थ है स्वयं को निरंतर इन ब्रह्मांड के सिद्धांतों के अनुरूप बेहतर करना. “अभ्यास” का अर्थ है – फालुन दाफा के पाँच सरल व्यायामों का अभ्यास करना. साधना आवश्यक है; अभ्यास इस प्रक्रिया का पूरक है.

समय के साथ, दाफा के सिद्धांत ब्रह्मांड के सबसे गंभीर और गहरे सत्यों का अनावरण करेंगे. सिधान्तों के अनुसार चलने पर, फालुन दाफा अभ्यासी बहुत ऊँचे स्तरों तक पहुँच सकते हैं, जीवन के वास्तविक अर्थ का ज्ञानोदय कर सकते हैं, तथा अपने मूल आत्मस्वरूप कि ओर लौट सकते हैं.

वैसे तो व्यायामों का आंतरिक अर्थ गहरा है, लेकिन वे तनाव को कम करने और स्वास्थ्य एवं फिटनेस में बहुत सुधार ला सकते हैं.

प्रारंभ

फालुन दाफा का एक प्राचीन इतिहास है. यह हर पीढ़ी में एक गुरु से एक शिष्य को ही सिखाया जाता था. शिष्य बाद में अपना शिष्य बनाता जिसे वह शिक्षाएं हस्तांतरित करता, इतिहास में इस प्रकार से इस प्रथा को हस्तांतरित किया जाता.

1992 में, श्री ली होंगज़ी (अभ्यासी सम्मान से उन्हें "मास्टर" या "गुरु" कहते हैं) ने पहली बार फालुन दाफा सार्वजनिक रूप से चीन के नगर, चांगचुन में सिखाया, और फिर देश भर में अपने व्याख्यान जारी रखे. जिन्होंने उसमें भाग लिया उन्हें व्यापक लाभ हुआ और कि वे अपने मित्रों और परिवार को भी बताने लगे.

परिणामस्वरूप, एक दुसरे को बताने के द्वारा अभ्यासियों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी, 1998 तक केवल चीन में ही कम से कम 7 करोड लोगों ने अभ्यास आरम्भ कर दिया.

आज, दाफा का अभ्यास 100 से भी अधिक देशों में 10 करोड से अधिक लोगों द्वारा किया जाता है, तथा इसे बहुत से सम्मान प्राप्त हुए हैं.

अभ्यास के बारे में अधिक जानकारी

साधना अभ्यास

फालुन गोंग अभ्यासी पाचंवा अभ्यास करते हुए, ध्यान साधना, मेनहट्टन में

फालुन दाफा के अभ्यासी अपने शिनशिंग [मन अथवा ह्रदय की प्रकृति या नैतिक गुण] को बढ़ाने का प्रयास करते हैं और अपने मोहभाव हटाकर दयालु, अधिक ईमानदार और अधिक सहनशील बनते हैं. जो जितना अपने शिनशिंग को बढ़ाने में सक्षम होता है, उसे ज़ुआन फालुन की शिक्षाओं की (फालुन दाफा का मूल पुस्तक) उतनी ही गहरी समझ प्राप्त होगी.

फालुन दाफा के अभ्यासी साधारण समाज के जटिल माहौल में सामान्य रूप से रहते हुए साधना करते हैं. इस अभ्यास में सभी राष्ट्रीयता, जाति, सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि, लिंग, उम्र, व्यवसायों, और विभिन्न धर्मों के लोगों का स्वागत है, और वे अपने स्वतंत्र मन से, अपनी गति से और जब तक चाहें इसका अभ्यास कर सकते हैं.

पुस्तकें

फालुन गोंग • इसमें फालुन दाफा के सिधान्तों की चर्चा और अभ्यास का वर्णन दिया गया है • व्यायाम कैसे करें यह उदाहरण द्वारा समझाया गया हैं

ज़ुआन फालुन • फालुन दाफा का व्यापक विवरण है जो गुरु ली होंगज़ी के नौ व्याख्यानो का संग्रह है • ज़ुआन फालुन फालुन दाफा के लिए निश्चित मार्गदर्शक है

अभ्यास / व्यायाम

फालुन गोंग के पांच अभ्यास

फालुन दाफा के पांच अभ्यास संग्रह हैं जो धीमें, सौम्य और सीखने में आसान हैं.

पहला व्यायाम, "बुद्ध सहस्त्र हस्त प्रदर्शन व्यायाम", खिंचाव द्वारा सभी शक्ति नाडियों को खोलने पर केन्द्रित है. दूसरा व्यायाम, "फालुन स्थिर मुद्रा व्यायाम", यह शांत भाव में खड़े रहने का व्यायाम है जिसमें चक्र को थामने की चार मुद्राएं है। फालुन स्थिर मुद्रा व्यायाम एक सघन साधना का तरीका है, जो विवेक बढाता है स्तर ऊँचा करता है व दिव्य शक्तियों को सुदृढ़ करता हैं. तीसरा व्यायाम, "ब्रह्मांड के दो छोरों का भेदन व्यायाम", इस व्यायाम का उद्देश्य ब्रह्मांड की शक्ति का भेदन करना व उसका शरीर की भीतरी शक्ति के साथ विलय करना है. बहुत अधिक मात्रा में शक्ति बाहर निकाली जाती है व ली जाती है. बहुत ही कम समय में अभ्यासी रोगग्रस्त व काली ची अपने शरीर से बहार निकाल सकते हैं तथा समुचित मात्रा में ब्रह्मांड कि शक्ति अंदर ले सकते हैं, जिससे उनका शरीर निर्मल व शुद्ध होता है. चौथा व्यायाम, "फालुन दिव्य परिपथ व्यायाम", यह व्यायाम मनुष्य के शरीर की शक्ति को एक बहुत बड़े क्षेत्र में फैलने के योग्य बनाता है। पाचंवा व्यायाम एक शांतिपूर्ण अभ्यास करने का व्यायाम है, "दिव्य शक्तियों को सुदृढ करने का व्यायाम", इस व्यायाम में सहजता से शांत अवस्था में ज्यादा से ज्यादा देर बैठना होता है.

फालुन प्रतीक

फालुन दाफा की प्रमुख विशेषता फालुन या सिद्धांत चक्र है। फालुन प्रतीक (संस्कृत में सिद्धांत चक्र या धर्म चक्र) यिन-यैंग के विभिन्न रूपों (ताईची प्रतीक के रूप में भी जाना जाता है) और स्वस्तिक (चीनी में वान के रूप में जाना जाता है) से बना है. यिन-यैंग प्रतीक पारंपरिक रूप से ताओ विचारधारा से हैं, जबकि स्वस्तिक सहस्राब्दियों से बुद्ध विचारधारा के साधना के तरीकों के साथ जुडा रहा है.

फालुन गोंग का चीन में दमन

फालुन गोंग का अभ्यास दुनियाभर में 114 से अधिक देशों में 10 करोड़ से अधिक लोगों द्वारा किया जा रहा है. लेकिन दुःख की बात यह है कि चीन, जो फालुन गोंग की जन्म भूमि है, वहां इसका दमन किया जा रहा है. इसके स्वास्थ्य लाभ और आध्यात्मिक शिक्षाओं के कारण चीन में फालुन दाफा इतना लोकप्रिय हुआ कि 1999 तक करीब 7 से 10 करोड़ लोग इसका अभ्यास करने लगे. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की मेम्बरशिप उस समय 6 करोड़ ही थी. इसका बढ़ता जनाधार चीनी शासकों को खलने लगा. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने फालुन दाफा की शांतिप्रिय प्रकृति के बावजूद इसे अपने प्रभुसत्ता के लिए खतरा माना और 20 जुलाई 1999 को इसपर पाबंदी लगा दी और इसे कुछ ही महीनों में जड़ से उखाड़ देने की मुहीम चला दी.

पिछले 16 वर्षों से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी फालुन गोंग को दबाने के लिए क्रूर दमन कर रही है. लाखों फालुन गोंग अभ्यासियों को बंदी बना लिया गया, लेबर कैंप में भेजा गया, उनकी जमीन-जायदाद जब्त कर लीं. अभ्यासियों को शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी जाती हैं और अभ्यास को छोड़ने के लिए ब्रेनवाश किया जाता है. चीन में सैकड़ों लेबर कैंप हैं जहाँ लाखों फालुन गोंग अभ्यासी कैद हैं. इन्ही कैदियों का शोषण कर उनसे मुफ्त खिलोने, कपड़े, मूर्तियाँ और अन्य उत्पाद बनवाये जाते हैं. यही कारण है कि ये इतने सस्ते होते हैं.

चीन में अवैध मानवीय अंग प्रत्यारोपण अपराध

पिछले कुछ वर्षों में चीन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंग प्रत्यारोपण के लिए पर्यटन केंद्र के रूप में उभरा है. हजारों लोग वहां अंग प्रत्यारोपण के लिए जाते हैं. किन्तु उन्हें यह जानकारी नहीं है कि ये अंग कहाँ से आते हैं.

पिछले 15 वर्षों से चीन में सालाना 10,000 से अधिक अंग प्रत्यारोपण हुए हैं. चीन में अंग दान में देने की प्रथा नहीं है. तो ये अंग कहाँ से आते हैं? आश्चर्यजनक यह है कि चीन में अंग प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा अवधि बहुत कम है – केवल कुछ हफ्ते. जबकि दूसरे देशों में अनुकूल अंग मिलने में वर्षों लग जाते हैं. तो यह कैसे संभव है?

यह अविश्वसनीय लगता है, किन्तु चीन में अंगों के प्रत्यारोपण के लिए अंग न केवल मृत्युदण्ड प्राप्त कैदियों से आते हैं, बल्कि बड़ी संख्या में कैद फालुन गोंग अभ्यासियों से आते हैं. चीन में मानवीय अंग प्रत्यारोपण के इस अपराध में बड़े पैमाने पर अवैध धन कमाया जा रहा है. कोर्निया की कीमत 30,000 डॉलर है तो लीवर और किडनी की 1,80,000 डॉलर. चीन के अवैध मानवीय अंग प्रत्यारोपण उद्योग का सालाना कारोबार 1 बिलियन डॉलर का है.

स्वतंत्र जाँच द्वारा यह प्रकाश में आया है कि चीनी शासन, सरकारी अस्पतालों की मिलीभगत से, कैदियों के अवैध मानवीय अंग प्रत्यारोपण के अपराध में संग्लित है. चीन में कैद फालुन गोंग अभ्यासी इस मानवता के विरुद्ध अपराध के मुख्य शिकार हैं. इस अमानवीय कृत्य में हजारों फालुन गोंग अभ्यासियों की हत्या की जा चुकी है. उनके अंग जैसे किडनी, लीवर, कोर्निया, फेफड़े आदि निकाल कर अवैध मानवीय अंग प्रत्यारोपण के लिए ऊँचे दाम पर बेच दिया जाता है. इन ख़बरों से विचलित हो कर कनाडा के पूर्व स्टेट सेक्रेटरी [डेविड किल्गौर] और मानवाधिकार मामलों के वकील डेविड मातास ने इस विषय पर शोध आरंभ की. उन्होंने 2006 में अपनी 140 पेज की रिपोर्ट जारी की जिसके निष्कर्ष में इन आरोपों की पुष्टि की गयी. किल्गौर और मातास रिपोर्ट के अनुसार सन 2000 और 2005 के बीच चीन में करीब 150,000 से 200,000 अंग प्रत्यारोपण किये गए जिनमे अंगों का स्रोत अज्ञात है.


स्वतंत्र जाँचकर्ता और चीन विशेषग्य [इथन गुट्मन] ने 2014 में अपनी तीसरी पुस्तक “द स्लॉटर” का प्रकाशन किया. इथन गुट्मन के अनुसार चीन में सन 2000 और 2008 के बीच 64000 फालुन गोंग अभ्यासियों उनके अंगों के लिए मौत के घाट उतार दिया गया.

अंतर्राष्ट्रीय पहल

चीन में अंग प्रत्यारोपण के लिए फालुन गोंग अभ्यासियों कि हत्या की ख़बरों के प्रमाण मिलने पर अनेक देशों ने सन 2006 से सख्त कदम उठाने शुरू कर दिये. ऑस्ट्रेलिया, ताइवान, स्पेन, इजराइल और इटली की सरकारों ने अपने नागरिकों के लिए चीन में अंग प्रत्यारोपण के लिए पर्यटन पर पाबन्दी लगा दी. अमेरिकन कांग्रेस ने विधेयक H.RES.281 द्वारा चीन में कैदियों के अंग प्रत्यारोपण की प्रथा को रोकने के लिए आदेश पारित किया गया. 2013 में यूरोपियन संसद ने चीन में अवैध मानवीय अंग प्रत्यारोपण की प्रथा को रोकने के लिए विधेयक पारित किया.

चीन की प्रतिक्रिया

दिसम्बर 2014 में, चीनी अधिकारीयों ने ज्ञापन दिया कि जनवरी 2015 से मृत्युदण्ड प्राप्त कैदियों के अंग प्रत्यारोपण की प्रथा को समाप्त कर दिया जायेगा. चीन का ये कदम अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की निंदा रोकने के लिए एक छलावा मात्र है. साथ ही, इसमें इस उन प्रमाणों की भी अनदेखी की गयी है कि चीन में प्रत्यारोपण के लिए अधिकांश अंग वहां कैद फालुन गोंग अभ्यासियों की हत्या द्वारा प्राप्त होते हैं. चीन में बिलियन डॉलर अंग प्रत्यारोपण उद्योग आज भी पनप रहा है, और प्रमाण बताते हैं कि इस घिनौनी प्रथा में कोई बदलाव नहीं आया है.

अधिक जानकारी के लिए देखें

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