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द्विस्वन
स्वनविज्ञान में, साथ-साथ आने वाले स्वनों (Phone) के युग्म को द्विस्वन (diphone) कहते हैं। इसका उपयोग एक स्वन से दूसरे स्वन में संक्रमण को रिकॉर्ड करने के सन्दर्भ में किया जाता है।
निम्नांकित चित्र में P1, P2, आदि एक के बाद एक आने वाले स्वन हैं। इनके संगत D1-2, D2-3, आदि द्विस्वन हैं।
|P1===|P2===|P3===|P4===|P5===|P6===| |D1-2=|D2-3=|D3-4=|D4-5=|D5-6=|
यदि किसी भाषा में स्वनों की संख्या P है तो गणितीय सिद्धान्त से निकाला जा सकता है कि कुल सम्भव द्विस्वनों की संख्या P2 होगी। किन्तु द्विस्वनों की कुल संख्या इस सैद्धान्तिक संख्या P2 से काफी कम होती है क्योंकि सभी भाषाओं में इस बात का प्रतिबन्ध होता है कि किस स्वन के बाद कौन स्वन आ सकता है और कौन नहीं।
स्पेनी भाषा में लगभग 800 द्विस्वन हैं जबकि जर्मन भाषा में लगभग 2,500।
द्विस्वनों का महत्व वाक् संश्लेषण की दृष्टि से है। पहले से रिकॉर्ड किये गये द्विस्वनों को जोड़कर जो ध्वनि प्राप्त होती है वह उस ध्वनि की अपेक्षा काफी अच्छी होती है जो केवल स्वनों को जोड़कर निर्मित की जाती है। एमब्रोला परियोजना (Mbrola Project) द्विस्वनों के संश्लेषण पर ही आधारित है।
इन्हें भी देखें
- त्रिस्वन (Triphone)
- द्विस्वन संश्लेषण (डाइफोन सिन्थेसिस)