दंत संघर्षण
दंत संघर्षण दांतों की वह असामान्यता है जो कि २ दांतों के संपर्क में आने से होती है। दंत संघर्षण के कारण दांतों के टिश्यू नष्ट होते है और यह संघर्षण सबसे पहले दांतों के ओक्क्लुसल सतह पर दिखाई देता है। दंत संघर्षण एक शारीरिक प्रक्रिया है जो कि उम्र के साथ- साथ बढ़ती है। परन्तु ज्यादा मात्रा में दांतों की सतह से ऊतक का कम होना और उनमे संघर्षण ज्यादा होना दांतों को नुक्सान भी पहुंचा सकता है। दांतों का यह रोग ब्रुक्सिज्म की वजह से होता है जिसके कारण दांतों की पिसाई और उनमे रगड़न अत्यधिक मात्रा में होती है। दांतों में पिसाई ज्यादा होने के कारण दांतों का संघर्षण बहुत ही कठोर हो जाता है जिसके कारण दांतों पर से इनेमल पूरी तरह से घिस जाता है और डेनटाईन नजर आने लगता है जिसके कारण दंत क्षय और दंतधातु अतिसंवेदनशीलता का जोखिम बढ़ जाता है।
कारण
दंत संघर्षण में दांतों की उपरी सतह नष्ट होती है और यह २ दांतों के संपर्क में आने के कारण होता है। दंत संघर्षण को बहुत से कारक उतेजित करते है जैसे की:
- ब्रुक्सिज्म जिससे दांतों की पिसाई और घिसाव बहुत तेजी से होती है और जिसके कारण दांतों का इनेमल नष्ट होता है।
- बच्चो में विकास दोष के कारण भी यह असामान्यता देखने को मिलती है।
- दैनिक आहार में हुए बदलाव के कारण भी यह रोग होता है।
इलाज
दंत संघर्षण के शुरू होने के समय ही उसे रोका जा सकता है। दंत संघर्षण को रोकने के लिए किसी भी प्रकार का अन्ग्रान और कार्यात्मक हस्तक्षेप लिया जाता है और उससे नुकीले दांतों का आवरण करते है ताकि दांतों को और नुक्सान न हो पाए| नुकीले दांतों को घिस करके भी दंत संघर्षण से बचा जा सकता है।