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गर्भपात
गर्भपात (अंग्रेज़ी: Abortion) परिपक्वता अवधि अथवा व्यवहार्यता से पूर्व गर्भ के समापन की अवस्था है जिसमें गर्भाशय से भ्रूण स्वत: निष्काषित हो जाता है या कर दिया जाता है। इसके परिणामस्वरूप गर्भावस्था (pregnancy) की समाप्ति हो जाती है। किसी कारण भ्रूण के स्वतः समाप्त हो जाने को गर्भ विफलता (miscarriage) कहा जाता है। सामान्यतः गर्भपात मानव गर्भ को जबरन समाप्त किये जाने को इंगित करता है।
अनुक्रम
गर्भपात के प्रकार
कृत्रिम
ऐसा अनुमान है कि पूरे विश्व में लगभग २० करोड़ गर्भधारण की प्रक्रिया प्रति वर्ष घटित होती हैं। इनमें से लगभग एक तिहायी अनैच्छिक होते हैं और लगभग हर पाँचवें की परिणति जबरन गर्भपात में है। अधिकतर गर्भपात की घटनाएँ अनैच्छिक गर्भधारण के कारण होती हैं। गर्भ को साभिप्राय कई तरीकों से समाप्त किया जा सकता है। गर्भपात का तरीका भ्रूण की गर्भावधि पर निर्भर करता है कि जो कि गर्भ की अवधि बढ़ने के साथ आकार में विकसित होता रहता है। कुछ विशिष्ट प्रक्रियाओं का चयन वैधता, स्थानीय उपलब्धता के साथ-साथ चिकित्सक और मरीज़ की वरीयता के आधार पर भी किया जा सकता है।
स्वतः
स्वतः गर्भपात, जिसे गर्भ विफलता भी कह सकते हैं, गर्भावधि के २४वें सप्ताह के पूर्व ही निरभिप्राय गर्भ निष्कासन के कारण घटित होता है। ऐसा गर्भ जो ३७ हफ़्तों के पूर्व ही जीवित शिशु प्रसव के साथ समाप्त हो जाए उसे अपरिणत प्रसव (premature birth), अकाल प्रसव या कालपूर्व प्रसव कहा जाता है। गर्भ में परिपक्वता अवधि के पश्चात अथवा प्रसव के दौरान जब भ्रूण की मृत्यु हो जाय तो उसे सामान्यतः मृत प्रसव (stillbirth) या मृतशिशु प्रसव कहा जाता है। बावजूद इसके कि कभी-कभी इन पदों का प्रयोग एक दूसरे में गड्ड-मड्ड हो सकता है, अकाल प्रसव और मृत-प्रसव सामान्यतः गर्भ विफलता के तौर पर नहीं माने जाते।
विधियाँ
भेषज (औषधि)
गर्भांतक औषधियों के माध्यम से गर्भपात आरोपित करना ही भेषज गर्भपात है। १९७० के दशक में प्रोस्टाग्लैंडिन अनुरूप और १९८० के दौरान प्रतिप्रोजेस्टोजेन माइफप्रिस्टोन की उपलब्धता के पश्चात भेषज गर्भपात साभिप्राय गर्भपात का एक वैकल्पिक तरीका बन गया।
शल्य
अन्य विधियाँ
सुरक्षा
असुरक्षित गर्भपात
गर्भ से छुटकारा पाने की तलाश में महिलाएँ कभी-कभी असुरक्षित तरीकों का भी सहारा लेती हैं, ख़ासकर तब जबकि कानूनी तौर पर अनुमति मिलने में अड़चन हो। ऐसी स्थिति में वे या तो स्वयं कोशिश करती हैं या किसी दूसरे की सहायता लेती हैं जिनका न तो पर्याप्त चिकित्सकीय प्रशिक्षण होता है न ही उचित चिकित्सकीय सुविधाओं तक पहुँच। ऐसे असुरक्षित गर्भपात गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं, मसलन अपूर्ण गर्भपात, पूति (sepsis), रक्तस्राव और आंतरिक अंगों को गंभीर क्षति का कारण बन सकते हैं।
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समाज और संस्कृति
गर्भपात संबंधी बहसें
प्रेरित गर्भपात लंबे समय तक काफी बहस का स्रोत रहा है। नैतिक, दार्शनिक, जैविक, गर्भपात के आसपास के धार्मिक और कानूनी मुद्दों मूल्य सिस्टम से संबंधित हैं। गर्भपात की राय भ्रूण के अधिकार, सरकारी अधिकार और महिलाओं के अधिकारों के बारे में हो सकती है
दोनों सार्वजनिक और निजी बहस में, बहस का तर्क प्रेरित या गर्भपात के लिए या तो गर्भपात की नैतिक स्वीकार्यता, या गर्भपात को प्रतिबंधित करने या प्रतिबंधित करने वाले कानूनों का समर्थन करने के पक्ष में प्रस्तुत किया गया था। चिकित्सीय गर्भपात पर विश्व मेडिकल एसोसिएशन घोषणापत्र कहते हैं, "परिस्थितियों में एक माँ के हित को उसके अजेय बच्चे के हितों के साथ संघर्ष में लाने में एक दुविधा पैदा होती है और यह सवाल उठाता है कि गर्भावस्था को जानबूझकर खत्म कर दिया जाना चाहिए या नहीं।" गर्भपात वाद-विवाद, विशेष रूप से गर्भपात कानूनों से संबंधित, अक्सर इन दोनों स्थितियों में से एक की वकालत करने वाले समूहों द्वारा आगे बढ़ते हैं। विरोधी-गर्भपात समूह, जो पूर्ण निषेध सहित गर्भपात पर अधिक कानूनी प्रतिबंधों का समर्थन करते हैं, वे अक्सर खुद को "समर्थक जीवन" के रूप में बताते हैं, जबकि गर्भपात के अधिकार समूह, जो इस तरह के कानूनी प्रतिबंधों के खिलाफ हैं, स्वयं को "समर्थ विकल्प" कहते हैं। आम तौर पर, पूर्व की स्थिति का तर्क है कि एक मानव भ्रूण एक इंसान है जो जीने के अधिकार के साथ, गर्भपात को नैतिक रूप से हत्या के समान बना देता है। उत्तरार्द्ध की स्थिति का तर्क है कि एक महिला के पास कुछ प्रजनन अधिकार हैं, विशेष रूप से चुनाव के लिए अवधि के लिए गर्भधारण करने के लिए या नहीं।
कानूनी स्थित
कानून की तरफ से गर्भपात इन कारणों के चलते कराया जा सकता है-
- जब गर्भ के कारण जीवन खतरे में हो।
- जब पैदा होने वाले शिशु को मानसिक बीमारी होने की आशंका हो।
- गर्भ बलात्कार के बाद ठहर गया हो, या
- गर्भ परिवार नियोजन में विफल होने का कारण हो।
लिंग निर्धारित गर्भपात
सोनोग्राफ़ी और एमीनोसेंटिस माता-पिता को प्रसव के पहले लिंग को जानने की अनुमति देती है। इस तकनीक के विकास से लिंग-चयनात्मक गर्भपात या लिंग के आधार पर भ्रूण की समाप्ति हुई है। एक महिला भ्रूण का चयनात्मक समापन सबसे आम है।
कुछ देशों में पुरुष और महिला बच्चों की जन्म दर के बीच में लिंग-चयनात्मक गर्भपात आंशिक रूप से जिम्मेदार है। एशिया के कई इलाकों में पुरुष बच्चों की प्राथमिकता की सूचना है, और ताइवान, दक्षिण कोरिया, भारत और चीन में महिला जन्मों को सीमित करने के लिए गर्भपात की रिपोर्ट की गई है। पुरुषों और महिलाओं की मानक जन्म दर से यह विचलन इस तथ्य के बावजूद होता है कि इन देश में आधिकारिक तौर पर लिंग-चयनात्मक गर्भपात या यौन-स्क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगा है। चीन में, एक ऐतिहासिक प्राथमिकता एक नर बच्चे के लिए एक-बाल नीति के कारण बढ़ी है , जो की 1979 में लागू की गई।
कई देशों ने सेक्स-चयनात्मक गर्भपात की घटनाओं को कम करने के लिए विधायी कदम उठाए हैं। 1994 में 180 राज्यों से अधिक ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में "बालिका के विरुद्ध सभी प्रकार के भेदभाव और बेटे की वरीयता के मूल कारणों" को खत्म करने पर सहमति जताई , शर्तों को 2011 में पीएसीई के प्रस्ताव से भी निंदा की गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ, अन्य संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों , ने पाया है कि गर्भपात की पहुंच कम करने के उपाय लैंगिक असमानता को कम करने के उपायों की तुलना में लिंग-चयनात्मक गर्भपात को कम करने में काफी कम प्रभावी हैं। [
गर्भपात विरोधी हिंसा
कला, साहित्य और सिनेमा
धार्मिक मान्यता
टिप्पणियाँ
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- गर्भपात के नुकसान
- गर्भपात के बारे में प्राय: पूछे जाने वाले प्रश्न (जनसंख्या स्थिरता कोष)
- गर्भपात (भारत विकास द्वार)
- महिलाओं में गर्भपात, बांझपन का कारण प्रतिरोधक कोशिकाएं (लाइव हिन्दुस्तान)
- Abortion Policies: A Global Review
- MedlinePlus Medical Encyclopedia: Abortion
- The Guttmacher Institute
- Johnston's Archive: Abortion Statistics and Other Data
- भारत में गर्भपात