Продолжая использовать сайт, вы даете свое согласие на работу с этими файлами.
काढ़ा
क्वाथ औषधियों को उबालकर निकाला गया रस को कहा जाता है।
तंत्र के अनुसार इन पाँच वृक्षों —जामुन, सेमर, खिरनी, मोलसिरी ओर बेर का कषाय 'पंचकषाय' कहलाता है। यह कषाय छाल को पानी में भिगोकर निकाला जाता है और दुर्गा के पूजन में काम आता है।
अनुक्रम
प्रकार
कषाय (क्वाथ) पांच प्रकार के होते हैं, जिन्हें सम्मिलित रूप से 'पंचकषाय' कहते हैं—
1. स्वरस
2. कल्क
3. क्वाथ
4. हिम
5. फांट
ये पांचों प्रकार के क्वाथ मधुर, अम्ल, कटु, तिक्त और कषाय रस वाले द्रव्यों से बनाए जाते हैं। स्वरस से कल्क, कल्क से क्वाथ, क्वाथ से हिम और हिम से फांट हल्का होता है। अर्थात् इनकी शक्ति (लाघव) क्रमशः घटते हुए क्रम में होती है।
रेसिपी
- 5 से 6 तुलसी के ताजा पत्ते |
- आधा चम्मच इलायची पाउडर |
- काली मिर्च पाउडर |
- अदरक और मुन्नका |
इस तरह बनाएं काढ़ा Archived 2021-04-18 at the Wayback Machine
एक बर्तन में दो ग्लास पानी डालें। अब इसमें तुलसी, इलाइची पाउडर, काली मिर्च, अदरक और मुनक्का डाल ले । अब इन सभी सामग्री को अच्छे से मिला ले और इसे 15 मिनट तक गैस चूल्हे पर उबाल लें। इसके बाद इसे ठंडा होने रख दें और छानकर पी लें। इसमें मौजूद काली मिर्च कफ निकालने का काम करती है। वहीं, तुलसी-अदरक और इलाइची पाउडर में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। तुलसी में एंटी-माइक्रोबल प्रॉपर्टीज होती हैं, जो सांस से जुड़े इन्फेक्शन्स को मारने का काम करती हैं।
इन्हें भी देखें
- क्वथनांक
- जड़ी-बूटी चिकित्सा (हर्बलिज्म)
बाहरी कड़ियाँ
- How To Make a Herbal Decoction from unexplained.net