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एलिज़ाबेथ कुबलर रॉस
एलिज़ाबेथ कुबलर रॉस ( जुलै ८, १९२६- औगुस्त २४ २००४) एक मशूर स्विस-अमेरिकन मनोचिकित्सक थी जिन्होने मृत्य और उस्के पास आने कि अनुभव कि विषय पर अनुसंधान की थी। वह इस अध्ययन क्षेत्र की एक मार्ग - निर्माता थी। वह 'औफ डेथ अन्ड दायिंग' (१९६९) नामक मशूर पुस्तक की लेखिका हैं। इसी पुस्तक में वह अप्नी मशूर सिद्धांत - 'शोक के पंच अवस्था' के बारे में पहली बार चर्चा करता है।
वह २००७ 'अमेरिकन नेशनल वुमेन्स हौल औफ फेम' कि अधिष्ठापन बन गयी थी। उन्होने २० माननीय उपाधियों को प्राप्त की थी और जुलै १९८२ तक उन्होने १ लाख से ज़्यादा छात्राओं को मृत्य और उस्के पास आने कि अनुभव का विषय पर शिक्षा दी थी।
जन्म और शिक्षा
एलिज़ाबेथ कुबलर रॉस का जन्म ८ जुलै १९२६ में स्विट्जरलैंड देश की ज़्यूरिख़ नामक जगह में हुई थी। उन्की परिवार का धर्म ईसाई धर्म थी। उन्होने अपनी उच्च अध्ययन के लिये मेडिकल की थी।
निजी जीवन
१९५८ में उन्होने अपने विश्वविद्यालय का अमेरिकन मेडिकल छात्रा एमानुएल रॉस से शदी की थी। इस शदी के करण वह स्विट्जरलैंड को छोडकर अमेरिका गयी थी। पुत्रचजन्म- संबंधी के कारण उन्होने मेडिकल को छोडकर साइकेट्री (मानसिक रोगों की चिकित्सा) का क्षेत्र को छुन ली थी।
अकादमिक व्यवसाय
१९५८ को कुबलर रॉस ने न्यूयॉर्क को स्थान बदल दी थी थाकी वह काम कर सके और अपनी उच्च अध्ययन कर सके। वे ज़्यादतर हॉस्पिटल में बहुत बीमार मरीजों की व्यवहार और मानसिक स्थिथी पर अनुसंधान करती थी। १९६२ में उनको कोलोराडो विश्वविद्यालय की मेडिकल विभाग में एक स्थान मिली थी। १९६३ को उन्होने अपना साइकेट्री का प्रशिक्षण को समाप्त की थी। १९६५ को वह शिकागो गयी थी। शिकागो विश्वविद्यालय की मेडिकल विभाग में वह एक प्रशिक्षक बन गयी थी। वह परंपरागत साइकेट्री के प्रथाओं के विरुध थी। मृत्य को सामने करने वाले मरीजों की व्यवहार और मानसिक स्थिथी पर अनुसंधान करने पर उन्होने 'औफ डेथ अन्ड दायिंग' (१९६९) नामक पुस्तक को लिखी थी। इस पुस्तक में वह 'शोक के पंच अवस्था' का सिद्धांत के बारे में चर्चा करते हुए कहती हैं कि जब किसी मरीज को अपने मृत्य के बारे में खबर आता हैं तब वह इन पांच अवस्थाओं में पड जाता हैं- इनकार, क्रोध, सौदेबाजी, डिप्रेशन और स्वीकार।
मौत
१९९५ में उन्को बहुत बार आघात की समस्या आई थी जिस्के कारण वह स्तंभित हो गयी थी। २००४ में अपनी अरिज़ोना की घर में उनकी देहांत हो गयी थी।