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उष्णोत्स
उष्णोत्स (geyser, गीज़र या गाइज़र दोनों स्वीकार्य) एक प्रकार का पानी का चश्मा होता है जिसमें समय-समय पर पानी ज़ोरों से धरती से शक्तिशाली फव्वारे की भांति फूटता है और साथ में भाप निकलती है। यह पृथ्वी पर कम स्थानों में ही मिलते हैं क्योंकि इनके निर्माण के लिए विशेष भूतापीय व अन्य भूवैज्ञानिक परिस्थितियों की ज़रूरत होती है।
निर्माण
लगभग सभी उष्णोत्स सक्रीय ज्वालामुखी क्षेत्रों में होते हैं और उष्णोत्स बनाने में मैग्मा की समीपी मौजूदगी आवश्यक है। सतही जल धीरे-धीरे लगभग २,००० फ़ुट की औसत गहराई पर मैग्मा द्वारा गरम करे गई चट्टानों से सम्पर्क में आता है, जिस से भारी दबाव की स्थिति में इस पानी में उबलाव आ जाता है। फिर भाप और गरम पानी का यह मिश्रण भयंकर दबाव में सतह की ओर दौड़ता है और उष्णोत्स के मुख से फट पड़ता है। दुनिया में कोई एक हज़ार गीज़र हैं जिनमें से आधे अमरीका के यैलोस्टोन नेशनल पार्क में हैं।
बिजली की मशीन
गर्म पानी का इस्तेमाल करने के लिए बिजली की जिस मशीन (गीज़र) का इस्तेमाल होता है उसका नाम भी शायद इसी पर पड़ा होगा।