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उष्णता सम्बन्धी चोट
उष्णता सम्बन्धी चोटवह चोट होती है जो किसी गर्म चीज के प्रभाव से होती है, जैसे की- गर्म पानी से, आग से, गर्म तेल से, भाप से या किसी भी और गर्म चीज से। सबसे साधारण उष्णता सम्बन्धी चोट आग से जलने के कारण होती है, जो की जले हुए अंग पर घाव कर देती है। सबसे कम ताप्मान जिसपे इंसान जल सकता है वो ४४' होता है। यह वह ताप्मान है जिसपर इंसान को उष्ण से चोट पहुंचती है। जैसे-जैसे ताप्मान बड़ता जाता है वैसे-वैसे उष्णता से पहुंची चोट घातक होती जाती है। अगर अनावृति का ताप्मान ७०' या उससे ज्यादा होता है तो भुत ही कम समय में इंसान जलने लगता है।
कारण
- गरम पानी और भाप से
- आग से
- अन्य गरम वस्तु
इलाज़
उष्णता सम्बन्धी चोट को ठीक करने का घेरेलु नुस्का यह है कि जले हुए भाग पर ठंडा पानी डालो और उस पर एंटीसेप्टिक दवाई लगाए। उष्णता सम्बन्धी चोट से हुए जलन और दर्द ऐसीटामीनोफिन लगाने से कम हो जाता है। जले हुए अंग पर कभी भी पानी,घी या कोई अन्य क्रीम नहीं लगनी चाहिए क्यूंकि उससे जलने का घाव अत्यधिक ख़राब हो सकता है। अगर कोई इंसान जल रहा है तो उस इंसान पर कम्बल दल कर आग भुजी जाती है और फिर उसपर पानी डाला जाता है ताकि उस इंसान के शारीर का ताप्मान कम हो सके।