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आहारीय मैग्नेशियम
मैग्नेशियम का एक भाग मानव-शरीर की प्रत्येक कोशिका में होता है। यह भाग अतिसूक्ष्म हो सकता है, किंतु महत्त्वपूर्ण अवश्य होता है। सम्पूर्ण शरीर में मैग्नेशियम की मात्रा ५० ग्राम से कम होती है। शरीर में कैल्शियम और विटामिन सी का संचालन, स्नायुओं और मांसपेशियों की उपयुक्त कार्यशीलता और एन्जाइमों, को सर्किय बनाने के लिये मैग्नेशियम आवश्यक है। कैल्शियम-मैग्नेशियम सन्तुलन में गड़बड़ी आने से स्नायु-तंत्र दुर्बल हो सकता है। इसीलिये फ़्रांस में कैंसर की अधिकता का मुख्य कारण स्थानीय मिट्टी में मैग्नेशियम का कम अंश पाया गया है। मैग्नेशियम के निम्न स्तरों और उच्च रक्तचाप में स्पष्ट अंतर्संबंध स्थापित हो चुका है। निम्न मैग्नेशियम स्तर से मधुमेह भी हो सकता है। यूरोलोजी जर्नल की एक रिर्पोट के अनुसार मैग्नेशियम और विटामिन बी६ गुर्दे और पित्ताशय की पथरी के खतरे को कम करने में प्रभावी थे। कठोर दैहिक व्यायाम शरीर के मैग्नेशियम की सुरक्षित निधि को क्षय कर देते है और संकुचन को कमजोर कर देते है। व्यायाम एवं शारीरिक मेहनत करने वाले लोगों को मैग्नेशियम सम्पूरकों की आवश्यकता है।
एक गिलास भारी जल मैग्नेशियम के लियें खाघ-संपूरक है। भारी जल में निरपवाद रूप से उच्च मैग्नेशियम का अंश होता है। भारी जल का प्रयोग करने वाले क्षेत्रों में हृदयाघात न्य़ूनतम होते हैं। इसके अन्य महत्वपूर्ण स्रोत है सम्पूर्ण अनाज, दाल, गिरीदार फ़ल, हरी पत्तीदार सब्जियां, डेरी उत्पाद और समुद्र से प्राप्त होने वाले आहार।