Мы используем файлы cookie.
Продолжая использовать сайт, вы даете свое согласие на работу с этими файлами.
अभ्यंग
Другие языки:

अभ्यंग

Подписчиков: 0, рейтинг: 0

अभ्यंग (अभि + अंग = तेल की मालिश) एक प्रकार का आयुर्वैदिक मालिश है जिसमें शरीर को गुनगुने तेल से मालिश की जाती है। इसमें तेल की मात्रा अधिक होती है और उसमें कुछ औषधियाँ भी मिलायी गयीं होती हैं।

मौसम में परिवर्तन, गलत आहार-विहार, शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में कमी, पर्याप्त संतुलित आहार का अभाव, उचित व्यायाम की कमी आदि कारणों से ये दोष दिखाई देते हैं। यही दोष कई प्रकार की शारीरिक व मानसिक बीमारियों को साथ लाते हैं। रोगी की प्रकृति को देखकर अभ्यंग मसाज द्वारा इन रोगों को दूर किया जा सकता है।

उचित तेल का चयन कर उसे कुनकुना कर लें। मसाज लेने वाले को आरामदायक तरीके से लिटा दें। पूरे शरीर पर तेल लगाएँ। पाँच मिनट तक ऐसे ही छोड़ दें ताकि तेल शरीर में अच्छी तरह सोख लिया जाए। फिर मसाज शुरू करें। मसाज करते समय पैर, हथेली, उँगलियों व नाखून के छोरों पर तेल अच्छी तरह लगाएँ क्योंकि यहाँ बड़ी संख्या में तंत्रिकाओं के छोर होते हैं। पेट एवं हृदय जैसे संवेदनशील अंगों पर मसाज हल्के हाथों से करें।

लाभ

  • अभ्यंग (मालिश) शरीर और मन की ऊर्जा का संतुलन बनाता है।
  • वातरोग के कारण त्वचा के रूखेपन को कम कर वात को नियंत्रित करता है।
  • शरीर का तापमान नियंत्रित करता है।
  • शरीर में रक्त प्रवाह और दूसरे द्रवों के प्रवाह में सुधार करता है।
  • अभ्यंग त्वचा को चमकदार और मुलायम बनाता है।
  • मालिश की लयबद्ध गति जोड़ों और मांसपेशियों की अकड़न-जकड़न को कम करती है।
  • अभ्यङ्ग से त्वचा की सारी अशुद्धियाँ दूर हो जाती हैं, तब हमारा पाचन तंत्र ठीक हो जाता है।
  • पूरे शरीर में ऊर्जा और शक्ति का संचार होने लगता है।
  • अभ्यङ्ग यानि मालिश से शरीर में रक्त परिसंचरण बढ़ता है।
  • शरीर के सभी विषैले तत्त्व बहार निकल जाते हैं।

बाहरी कड़ियाँ


Новое сообщение