Мы используем файлы cookie.
Продолжая использовать сайт, вы даете свое согласие на работу с этими файлами.

अपवर्तन दोष

Подписчиков: 0, рейтинг: 0
अपवर्तन दोष
Refractive Errors of the Eye.jpg
एक सही ढंग से केंद्रित नेत्र (शीर्ष), और दो अपवर्तक त्रुटि दिखा रहे हैं: मध्य छवि में, प्रकाश दृष्टि पटल के सामने केंद्रित है; निम्न छवि में, फोकस बिंदु नेत्र के पीछे है।
विशेषज्ञता क्षेत्र नेत्रविज्ञान, दृष्टिमिति
लक्षण दोहरी दृष्टि, सिरदर्द और आंखों में तनाव
संकट निकट दर्शिता, दूरदर्शिता, दृष्टिवैषम्य और जरादूर दृष्टि
निदान नेत्र परीक्षण
चिकित्सा चश्मा, संस्पर्श लेंस, शल्यचिकित्सा

अपवर्तन त्रुटि, आँख और या स्वच्छ मण्डल के आकार के कारण दृष्टि पटल पर प्रकाश को सटीक रूप से केंद्रित करने में समस्या है। इस त्रुटि के सबसे साधारण प्रकार निकट दर्शिता, दूरदर्शिता, दृष्टिवैषम्य और जरादूर दृष्टि हैं। निकट-दृष्टि के परिणामस्वरूप दूर की वस्तुएँ धुंधली हो जाती हैं, दूर-दृष्टि और जरा-दूर दृष्टि के परिणामस्वरूप निकट की वस्तुएं धुंधली हो जाती हैं, और दृष्टिवैषम्य के कारण वस्तुएँ फैली हुई या धुंधली दिखाई देती हैं। अन्य लक्षणों में दोहरी दृष्टि, सिरदर्द और आंखों में तनाव शामिल हो सकते हैं।

प्रकार

विषम दृष्टि (प्रकाश के अपवर्तन की त्रुटियाँ) निम्न प्रकार की होती है :

  • (क) दीर्घ दृष्टि (Hypermetropia),
  • (ख) निकट दृष्टि (Myopia) तथा
  • (ग) दृष्टि वैषम्य (Astigmatism)।

दीर्घ दृष्टि - यह उस प्रकार की विषम दृष्टि है जिसमें नेत्र का मुख्य अक्ष लघु हो जाता है, अथवा नेत्र की अपवर्तन शक्ति क्षीण होती है। अत: समांतर प्रकाशकिरणें रेटिना के पार्श्व में संगमित हो जाती हैं।

निकट दृष्टि - यह उस प्रकार की विषम दृष्टि है जिसमें नेत्र का मुख्य अक्ष दीर्घ हो जाता है, अथवा नेत्र की अपवर्तन शक्ति अधिक हो जाती है। अत: समांतर प्रकाशकिरणें रेटिना के समक्ष संगमित हो जाती हैं।

दृष्टि वैषमय - यह उस प्रकार की विषम दृष्टि है जिसमें नेत्र के वृत्ताकारों (meridians) में प्रकाश का अपवर्तन भिन्न भिन्न होता है।

दृष्टिवैषम्य दो प्रकार का होता है :

(१) नियमित (Regular)

(२) अनियमित (Irregular)

अनियमित दृष्टिवैषम्य मौलिक दोषों के कारण होता है, जैसे किरेटोनस, अथवा प्राप्त दशा, जैसे कॉर्निया की अपारदर्शकता।

(१) साधारण दीर्घ दृष्टि दृष्टिवैषम्य, (२) यौगिक दीर्घ दृष्टि दृष्टिवैषम्य, (३) साधारण निकट दृष्टि दृष्टिवैषम्य, (४) यौगिक निकट दृष्टि दृष्टिवैषम्य तथा (५) मिश्रित दृष्टिवैषम्य, जिसमें एक वृत्ताकर दीर्घ दृष्टिवैषम्य, जिसमें एक वृत्ताकार दीर्घ दृष्टि एवं अन्य निकट दृष्टि होती है।

जानपदिक रोगविज्ञान (Epidemiology)

२००४ में दृष्टि वैषम्य की सांख्यिकी.
██ no data ██ 100 से कम ██ 100-170 ██ 170-240 ██ 240-310 ██ 310-380 ██ 380-450 ██ 450-520 ██ 520-590 ██ 590-660 ██ 660-730 ██ 730-800 ██ 800 से अधिक

श्रेणीःदृष्टि


Новое сообщение