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अकल दाढ़
अकल दाढ उन दाँतों के नाम हैं जो आखिर में निकलते हैं। अधिकतर लोगों को चार अकल दाढ होते हैं - मुँह के हर कोने में एक - ये ज्यादातर जवानी में निकलते हैं।
यह संभव है कि अकल दाढ जबड़ों की हड्डी में अटक जाएं, या फिर निकलें ही नहीं। ऐसा होने पर बाकी दाँत ठसने या खिसकने लग सकते हैं, या नजदीकी दाँतों में सड़न या संक्रमण हो सकता है या मसूड़ों में बीमारी फैल सकती है। जबड़ों में अकल दाढ के अटकने का कारण यह हो सकता है कि वे किसी असाधारण अवस्था में हों, जैसे कि सपाट, जिसकी वजह से वो सामान्य रूप से बाहर नहीं निकल सकते। अधिकतर लोगों को अटके हुए अकल दाढ को निकलवाने की सलाह दी जाती है। दाँत की अवस्था के अनुसार, तीसरे दाढ (अकल दाढ) को आपके दाँत के डॉक्टर के दफ्तर में, किसी बाहरी रोगी क्लिनिक में या अस्पताल में भर्ती करके निकाला जा सकता है। सामान्यतया एक व्यस्क की अकल दाढ निकलने के बाद उसके दाँतों की संख्या ३२ हो जाती है |और इसके निकलने में मीठा दर्द भी होता है जो आपको कोई काम करने नहीं देगा । और इसके दर्द से बचने के लिए मुंह में लौंग का सेवन करे या नहीं तो आप लौंग का तेल भी प्रायोग कर सकते है/ इसके और भी उपाय है यदि आप लहसुन का प्रयोग करके सही कर सकते है तो लहसुन को दाँत के साथ दबा दे।।